दुनिया भर में फैले मंदी के माहौल के बावजूद अमेरिकी कंपनियां उभरते बाजारों में भारत को अब भी निवेश के लिए माकूल देश मानती हैं लेकिन उनकी चिंता यहां के इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी अधिकार और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर है।
अमेरिका-भारत बिजनेस काउंसिल के सदस्यों और कंपनी एक्जिक्यूटिव्स के एक सर्वे के मुताबिक ज्यादातर का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार के हालात के बावजूद भविष्य में भारत का आर्थिक विकास बरकरार रहेगा। काउंसिल के इन सदस्यों में से अधिकतर की योजना भारत में निवेश करने की है या फिर अगले पांच सालों में वो भारत में अपना कारोबार बढाना चाहते हैं। यह सर्वे अर्न्स्ट ऐंड यंग ने कराया था।
सर्वे के मुताबिक भारत निवेश का एक अहम डेस्टिनेशन है और आगे भी बना रहेगा। अर्न्स्ट ऐंड यंग के भारतीय पार्टनर ट्रांसैक्शन एडवाजरी सर्विसेस के उत्कर्ष पलनीतकर ने सर्वे की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि इससे यह साफ है कि ये कंपनियां भारत के विकास को लेकर कितनी आश्वस्त हैं हालांकि यह तभी है जब सरकार कुछ मुद्दों पर ध्यान दे।
सर्वे में कहा गया कि भारत में विदेशी निवेश आता रहेगा लेकिन इसे और इंवेस्टर फ्रेंडली बनाने की जरूरत है, ज्यादातर कंपनियों का मानना था कि भारत में सरलता से कारोबार करने के लिए कुछ सुधार भी होना जरूरी है। इसके सामाजिक और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारना काफी अहम है।