पिछले कुछ महीनों में इक्विटी बाजारों में हुई तेज गिरावट से 2021-22 में एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कुछ शेयर काफी नुकसान में रहे हैं। वित्त वर्ष 22 में कुल 54 कंपनियों ने प्राथमिक बाजार से करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए। इनमें से 32 कंपनियोंं के शेयर अभी सूचीबद्धता के दिन के बंद भाव से नीचे कारोबार कर रहे हैं और निदान लैबोरेटरीज ऐंड हेल्थकेयर, कारट्रेड टेक, आशिका हॉस्पिटल्स, सिगाची इंडस्ट्रीज, वन97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम की मूल कंपनी) और फिनो पेमेंट्स बैंक को सबसे ज्यादा झटका लगा है और इनमें 59 फीसदी तक की गिरावट दर्ज हुई है। आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
नई पीढ़ी की तकनीक व फूड डिलिवरी कंपनियां मसलन पीबी फिनटेक, जोमैटो और एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स (नायिका की मूल कंपनी) में भी सूचीबद्धता के दिन के बंद भाव के मुकाबले 31 फीसदी से लेकर 45 फीसदी तक की नरमी देखने को मिली है। 52 हफ्ते के उच्चस्तर से गिरावट और भी तेज रही है और सभी 54 शेयर 16 फीसदी से लेकर 59 फीसदी तक टूटे हैं।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के उपप्रमुख (खुदरा शोध) देवर्ष वकील ने कहा, मुझे लगता है कि कई आईपीओ की कीमत आक्रामकता से तय हुई थी। कुछ में मूल्यांकन से जुड़ी चिंता थी। इससे सूचीबद्धता के बाद निवेशकों के लिए बहुत कुछ नहीं बचा। हम पूरे मामले को एक नजरिये से नहीं देख सकते। फंडामेंटल के स्तर पर कुछ वित्तीय तकनीकी कंपनियों के बिजनेस मॉडल को लेकर इश्यू हैं। कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं जो लाभ में आई और आगे बढ़ी।
मैक्रोटेक डेवलपर्स, बार्बेक्यू नेशन हॉस्पिटैलिटी, सोना बीएलडब्ल्यू प्रीसिजन फोर्जिंग्स, अदाणी विल्मर, पारस डिफेंस और देवयाणी इंटरनैशनल जैसे शेयर अभी भी सूचीबद्धता के दिन के बंद भाव के मुकाबले 34 फीसदी से लेकर 172 फीसदी की बढ़त पर कारोबार कर रहे हैं।
बीएसई आईपीओ इंडेक्स वित्त वर्ष 22 में अब तक करीब 29 फीसदी चढ़ा है जबकि इस दौरान एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स में 17 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है।
फेडरल रिजर्व की तरफ से दरों में आक्रामक बढ़ोतरी की संभावना और इक्विटी बाजारों मे गिरावट के बावजूद विश्लेषक प्राथमिक बाजार के पटरी पर रहने की उम्मीद जता रहे हैं, हालांकि अल्पावधि के कुछ अवरोध हो सकते हैं।
एलआईसी का आईपीओ जल्द आने वाला है और विश्लेषकों को उम्मीद है कि द्वितीयक बाजार की नकदी बाहर निकलेगी क्योंकि यह बड़े आईपीओ मेंं लगाई जाएगी। हालांकि उनका मानना है कि सूचीबद्धता के बाद सामान्य स्थिति जल्द बहाल हो जाएगी।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के चेयरमैन आर वेंकटरामन ने कहा, एलआईसी का आईपीओ काफी बड़ा है और यह सिस्टम से करीब 65,000 करोड़ रुपये खींच सकता है। लेकिन यह अस्थायी होगा और एलआईसी की सूचीबद्धता के एक महीने के भीतर नकदी को लेकर सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद है।