स्वास्थ्य

AIIMS में होगा सुरक्षा ऑडिट, काम पर लौटें डॉक्टर; संस्थान ने किए कई वादे

प्रदर्शनकारी डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम लागू करने और कोलकाता की पीडि़त डॉक्टर के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने की मांग कर रहे हैं।

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संकेत कौल   
Last Updated- August 21, 2024 | 11:40 PM IST

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली ने बुधवार को हड़ताल कर रहे अपने डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया। एम्स ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा, जिसमें अस्पताल परिसर के भीतर डॉक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था का आकलन होगा।

एम्स ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील ऐसे समय की है जब देशभर में डॉक्टर कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की निष्पक्ष जांच और तमाम डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग को लेकर एक सप्ताह से अधिक समय से हड़ताल पर हैं। एम्स में भी 11 अगस्त से डॉक्टर हड़ताल पर हैं और यहां ओपीडी और गैर आपातकालीन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

प्रदर्शनकारी डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम लागू करने और कोलकाता की पीडि़त डॉक्टर के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने की मांग कर रहे हैं। एम्स (नई दिल्ली) के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने कहा, ‘पूरा एम्स परिवार इस अस्पताल और देशभर के स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा चिंताओं को समझता है और इस मामले में वह उनके साथ है, लेकिन डॉक्टर के तौर पर हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य मरीजों का इलाज सुनिश्चित करना भी है। हमारे पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाला कोई भी मरीज इलाज से वंचित नहीं होना चाहिए।’

एम्स ने अपनी अपील जारी करते हुए बयान में कहा कि अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा मुद्दों समेत अन्य समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए दो समितियां बनाई हैं। पहली समिति का अध्यक्षता एम्स की अकादमी डीन करेंगे जो स्वास्थ्य पेशेवरों की चिंताओं के लिए फौरन काम शुरू करेंगे। दूसरी समिति में 15 सदस्य होंगे और यह समिति एम्स में आंतरिक सुरक्षा ऑडिट करेगी, ताकि डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, स्टाफ, मरीज और तीमारदारों की सुरक्षा का बेहतर खाका तैयार किया जा सके।

इस समिति की अध्यक्षता बॉयोफिजिक्स विभाग की प्रमुख डॉ. पुनीत कौर करेंगी। इसमें फैकल्टी एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज (एफएआईआईएमएस), एम्स की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, छात्र संघ, नर्स यूनियन, कर्मचारी यूनियन और सोसायटी ऑफ यंग साइंटिस्ट जैसे संगठनों के सदस्य भी शामिल होंगे।

समिति के सदस्य एम्स के सभी क्षेत्रों यानी इससे जुड़े परिसरों जैसे नैशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (एनसीआई), झज्जर, नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर (एनडीडीटीसी), गाजियाबाद और कंप्रैहेंसिव रूरल हेल्थ सर्विसेज प्रोजेक्ट (सीआरएचएसपी) बल्लभगढ़ आदि में में जाएंगे और सुरक्षा स्थितियों का जायजा लेंगे।

सुरक्षा ऑडिट के अलावा एम्स ने अपने मां और बच्चा ब्लॉक के प्रमुख प्रवेश एवं निकास द्वारों पर पालयट प्रोजेक्ट के तौर पर सीसीटीवी लगाने का निर्णय लिया गया है। संस्थान की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘इन सीसीटीवी कैमरों में चेहरा पहचानने वाली तकनीक होगी। इससे सुरक्षा स्टाफ को आने-जाने वाले लोगों की पहचान करने में आसानी होगी।’

मंत्रालय का सख्त आदेश

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बुधवार को सभी सोशल मीडिया मंचों से कहा है कि वे कोलकाता में डॉक्टर दुष्कर्म और हत्या मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन करें और पीडि़ता से संबंधित ऑडियो-वीडियो सामग्री समेत सभी तरह की व्यक्तिगत जारी इंटरनेट से हटा दें। अपने दिशानिर्देशों में मंत्रालय ने यह भी कहा कि आदेशों का पालन नहीं करने वाली सोशल मीडिया कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी और नियामकीय कदम भी उठाए जाएंगे।

First Published : August 21, 2024 | 10:53 PM IST