देश में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या कम होने लगी है। पिछले साल 21 दिसंबर के बाद से देश में अब सबसे कम सक्रिय मरीज रह गए हैं। देश भर में गुरुवार को 2,439 मामले दर्ज किए गए। यह पिछले महीने मिले सबसे कम 2,669 संक्रमितों की संख्या से कम हैं।
पिछले साल 17 दिसंबर को कोरोनावायरस के नए स्वरूप जेएन.1 का पहला मरीज मिलने के बाद देश में मामले अचानक बढ़ने लगे जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई थी। तब से भारत में कोरोनावायरस के संक्रमितों की संख्या 17 दिसंबर के 45,004,816 से बढ़कर 18 जनवरी को 45,022,793 हो गई।
इस दौरान पिछले एक महीने में 17,977 मरीज मिले। देश भर के राज्यों में कर्नाटक 672 सक्रिय मरीजों के साथ शीर्ष पर रहा। देश में कुल सक्रिय मामलों में 27.5 फीसदी से अधिक मरीज कर्नाटक में मिले।
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के पल्मोनोलॉजी विभाग के निदेशक मनोज गोयल ने कोरोनावायरस के बेतहाशा बढ़ते मामलों पर कहा कि जेएन.1 जैसे स्वरूप भले ही वैश्विक महामारी को प्रभावित करते हैं मगर जेएन.1 या फ्लू का मौसम ही मामलों में वृद्धि का एकमात्र कारण नहीं है।
गोयल ने कहा, ‘मामलों में वृद्धि के कई कारक हो सकते हैं। इनमें नए वेरियंट का मिलना, लोगों के स्वभाव में बदलाव आना, टीकाकरण की दर और अन्य कारक भी शामिल हैं। मामलों की वृद्धि को जानने के लिए अलग-अलग पहलुओं पर भी ध्यान देना होगा।’