देश में पांच नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में अकादमिक और इन्फ्रा क्षमता का विस्तार किया जाएगा। इससे अगले चार वर्षों में इन शीर्ष संस्थानों में 6,500 से अधिक नई सीटें जुड़ेंगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस योजना को मंजूरी दे दी। जहां बुनियादी ढांचा विकास किया जाएगा, उनमें 2014 के बाद स्थापित भिलाई, धारवाड़, जम्मू, पलक्कड़ और तिरुपति आईआईटी परिसर शामिल है। इस कार्य पर वित्त वर्ष 2025-26 से 2029 तक 11,829 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मीडिया को जारी बयान में कहा गया है, ‘निर्माण पूरा होने पर पांचों आईआईटी में 13,687 छात्रों के पढ़ने की व्यवस्था हो जाएगी, जहां वर्तमान में यह संख्या 7,111 ही है यानी चार साल में 6,576 सीटें बढ़ जाएंगी।’ सीटों की संख्या श्रेणीबद्ध तरीके से बढ़ने की उम्मीद है, जिसमें इन सभी आईआईटी में पहले वर्ष छात्रों की संख्या में 1,364 की वृद्धि होगी। दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में क्रमशः 1,738, 1,767 और 1,707 सीटें बढ़ाई जाएंगी। कैबिनेट प्रेस नोट के अनुसार, ‘ये बढ़ोतरी स्नातक (यूजी), स्नातकोत्तर (पीजी) और पीएचडी कार्यक्रमों में एक साथ की जाएगी।’
आईआईटी में सीटों की संख्या में बढ़ोतरी का कदम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस वर्ष के बजट में इसी तरह की घोषणा किए जाने के बाद उठाया गया है। केंद्र सरकार उद्योग-अकादमिक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए पांच नए अत्याधुनिक अनुसंधान पार्कों स्थापित करने की दिशा में भी काम करेगी।
मंत्रिमंडल ने पांच आईआईटी में प्रोफेसर (लेवल 14 और उससे ऊपर) के स्तर पर 130 संकाय पदों के सृजन को भी मंजूरी दी है। केंद्र ने कहा, ‘संकाय, प्रशासनिक कर्मचारियों, शोधकर्ताओं और छात्रों की बढ़ती संख्या एवं सुविधाओं के प्रबंधन के लिए सहायक कर्मियों की भर्ती के जरिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किया जाएगा।’ आईआईटी परिसरों के विस्तार से आवास, परिवहन और सेवाओं की मांग बढ़ेगी जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।