कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने सोमवार को संसद में कहा कि प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों को रोकने संबंधी कानून बनाने के लिए सरकार बाजार का अध्ययन कराने पर विचार कर रही है। संसद में मसौदा डिजिटल विधेयक की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर राज्य मंत्री ने यह जानकारी दी।
मसौदा डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने जवाब में कहा, ‘प्राप्त सुझावों/टिप्पणियों/इनपुट के आधार पर यह महसूस किया गया है कि विनियमन के लिए सभी प्रासंगिक पहलुओं पर विचार करने के लिए बाजार का अध्ययन कराया जाए। उससे मिली जानकारियों के आधार पर इस दिशा में कदम उठाया जाए, क्योंकि यह मसला वैश्विक स्तर पर अभी कार्यान्वयन के चरण में है।’
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) ने डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून पर एक समिति का गठन किया है। यह समिति वित्त पर संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों के आधार पर बनी थी, जिसने बड़ी टेक कंपनियों की प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों को लेकर 53वीं रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। समिति ने फरवरी 2024 में एक ड्राफ्ट डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक के साथ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
मंत्रालय को कानूनी पेशेवरों, उद्योग संगठनों, सिविल सोसाइटी संगठनों और भारत में डिजिटल सेवाएं प्रदान करने वाले घरेलू और विदेशी डिजिटल उद्यमों सहित 100 से अधिक हितधारकों से प्रतिक्रियाएं मिली हैं।
मल्होत्रा ने लोकसभा को बताया कि विधेयक पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की राय का इंतजार है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस मसले पर हितधारकों से चर्चा की है।
केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्य सभा में बताया कि वर्ष 2014 के बाद से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में उद्यम एवं उद्यम सहायक पोर्टल के माध्यम से 34 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी ने प्रश्नकाल के दौरान उच्च सदन में पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी। मांझी ने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है और छोटे कामगारों को विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता मिल रही है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के कामगारों को सहायता राशि प्रदान की गई है।
संसद ने सोमवार को पोत परिवहन क्षेत्र से संबंधित ‘वहन-पत्र विधेयक 2025’ को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसमें अंग्रेजों के जमाने के मूल कानून के स्थान पर नया कानून बनाए जाने का प्रावधान है। राज्य सभा ने सोमवार को चर्चा के बाद ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। लोक सभा इस विधेयक को पहले ही पास कर चुकी है। चर्चा के दौरान कांग्रेस विपक्ष के सदस्य मौजूद नहीं थे। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सदन से बहिर्गमन किया था। सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस मंत्रालय ने पिछले 10-11 साल में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है और देश के प्रमुख पत्तनों को रेल एवं सड़क मार्गों से सुचारू रूप से जोड़ा गया है।