इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट, भुवनेश्वर (आईएमबी) ने अपना नया कैम्पस स्थापित करने के लिए 12 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है।
इस शहर से तकरीबन 5 किलोमीटर दूर यह परिसर 7 एकड़ के भूखंड पर फैला होगा।आईएमबी के निदेशक एसके नायक कहते हैं, ‘हमने अपने प्रस्तावित कैम्पस के लिए भुवनेश्वर के पास 7 एकड़ भूमि को पहले ही कब्जे में ले लिया है। आईएमबी के नए कैम्पस के लिए निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा और इस पर लगभग 12 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह परिसर 2010 के शुरू तक पूरी तरह से बन कर तैयार हो जाएगा।’
आईएमबी ने अगले शैक्षणिक सत्र से 2 विशिष्ट क्षेत्रों में प्रबंधन कार्यक्रमों को भी चलाए जाने की योजना बनाई है। इन कार्यक्रमों में बैंकिंग, बीमा और जोखिम प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम) और क्षेत्रीय विश्लेषण एवं पोर्टफोलियो प्रबंधन में पीजीडीएम पाठयक्रम शामिल हैं।
ये पाठयक्रम दो साल की अवधि वाले होंगे और इनमें प्रवेश के लिए 30 सीटें होंगी।नायक ने कहा, ‘बैंकिंग, बीमा और जोखिम प्रबंधन में प्रस्तावित पीजीडीएम पाठयक्रम के लिए आईएमबी भारतीय स्टेट बैंक और आईएनजी वैश्य के साथ गठजोड़ की संभावना तलाश रहा है। ये वाणिज्यिक निकाय हमारे कार्यक्रम के लिए पाठयक्रम की रूपरेखा तैयार करने में हमारी मदद करेंगे और कार्यक्रम के भागीदारों को प्रायोगिक तौर पर उद्योग जोखिम से भी अवगत कराएंगे।’
आईएमबी अमेरिका की मरे स्टेट यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का फेयरबैंक्स जैसे विश्वविद्यालयों के साथ भी गठजोड़ स्थापित करने की योजना बना रहा है। आईएमबी के चेयरमैन आर्य पटनायक ने कहा कि छात्रों और फैकल्टी के विनिमय कार्यक्रम के लिए इन दो विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ करार किए जाने की योजना बनाई जा रही है। इन विदेशी विश्वविद्यालयों से गठजोड़ की योजना का मकसद छात्रों को दोहरी डिग्री के प्रबंधन कार्यक्रमों की पेशकश करना भी है।
प्लेसमेंट के बारे में बातचीत करते हुए आईएमबी के डीन सुशांत नंदा ने कहा, ‘पिछले साल लगभग 30 कंपनियों ने आईएमबी कैम्पस का दौरा किया। इन कंपनियों में आईडीबीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस, एचएसबीसी और इंडस इंड बैंक जैसे नाम प्रमुख रूप से शामिल थे।’