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In Parliament: संसदीय समिति की रिपोर्ट में खुलासा, 2 साल में विवादित प्रत्यक्ष कर की राशि 198% बढ़ी

वित्त संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा कर संबंधी याचिकाओं की संख्या घटाने की तमाम कवायदें अभी तक इच्छित परिणाम नहीं दे पाई हैं।

Last Updated- August 01, 2025 | 10:14 PM IST
The constitution gave direction to the country

अनुपालन सुनिश्चित करने और मुकदमेबाजी कम करने के लिए सरकार की ओर से कई तरह के नीतिगत हस्तक्षेपों के बावजूद भारत में कर विवाद का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति ने बुधवार को संसद में पेश अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि 2 वर्षों में विवादित प्रत्यक्ष करों की राशि में 198 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्यक्ष कर संबंधी मामलों में अपील की संख्या 2021-22 में 51,567 और 2024-24 में 64,311 थी। वहीं इन वर्षों के दौरान विवादित कर की राशि 6.64 लाख करोड़ रुपये से 198 प्रतिशत बढ़कर 14.21 लाख करोड़ रुपये हो गई है। 

आयकर अपील प्राधिकरण में दायर मामलों में शामिल राशि एक साल में करीब 3 गुना बढ़ी है।  यह राशि 2022-23 में 2.89 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2023-24 में 8.56 लाख करोड़ रुपये हो गई है। अप्रत्यक्ष कर के मामले में मुकदमों की संख्या 1.13 लाख  से बढ़कर 1.26 लाख हो गई है  और मुकदमेबाजी में फंसी कर की राशि इस अवधि के दौरान दोगुना होकर 7.4 लाख करोड़ रुपये हो गई है। 

वित्त संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन आंकड़ों पर विचार करने पर ऐसा लगता है कि सरकार द्वारा कर संबंधी याचिकाओं की संख्या घटाने की तमाम कवायदें अभी तक इच्छित परिणाम नहीं दे पाई हैं।

First Published - August 1, 2025 | 10:02 PM IST

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