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डंडीमारों पर सरकारी डंडा

Last Updated- December 05, 2022 | 4:57 PM IST

‘डंडी मारना’ यानी कम तोलकर ज्यादा रकम ले लेना किसी भी दुकानदार की जान की आफत बन जाएगा।


क्योंकि 1 मई, 2008 से सरकार ने खास 22 सामानों के लिए दी गई वजन की विशेष छूट को खत्म करने का फैसला कर दिया है। लिहाजा इन्हें बेचने वाले दुकानदारों को खास सावधानी बरतनी होगी। इस छूट के खात्मे के बाद अब से वजन के मामलों में सभी वस्तुओं के लिए एक समान नियम होंगे।


जिन पैक्ड 22 वस्तुओं को सरकार ने माप के मामले में छूट दे रखी थी, उनमें बिस्कुट, ब्रेड, सीमेंट, डिटरजेंट क्लीनिंग, फेस क्रीम, घी-वनस्पति व खाद्य तेल, हेयर क्रीम, बच्चों के भोजन व दूधयुक्त खाद्य पदार्थ, तरल दूध, पॉलीथीन बैग में बिकने वाले अनाज व पैकेट में बिकने वाले मसाले, माचिस, शेविंग केक, शेविंग क्रीम, सोप चिप्स, टेलकम व फेस पाउडर, चाय, टॉयलेट साबुन, टूथपेस्ट, टूथपाउडर, हाथ धोने वाला साबुन, लिखाई व छपाई के कागज व भोजन व अन्य पदार्थों को लपेटने वाले कागज (रैपिंग पेपर) शामिल हैं।


इस छूट को समझने के लिए मिसाल के तौर पर अगर 500 ग्राम तक के बिस्कुट के पैकेट को लिया जाए तो उसके वजन में 6 फीसदी तक की कमी की छूट है। वैसे ही 400 ग्राम तक के पैक्ड ब्रेड के वजन में 8 फीसदी तक की कमी की छूट है। यानी कि 500 ग्राम तक के बिस्कुट के पैकेट का वजन 470 ग्राम तक हो तो यह मान्य होगा। लेकिन एक मई से इस वजन में अधिकतम 15 ग्राम की कमी ही बर्दाश्त की जाएगी।


उसी तरह 400 ग्राम के ब्रेड के पैकेट पर 8 फीसदी तक वजन में कमी की इजाजत थी। जो घटकर अब तीन फीसदी ही रह जाएगी। अब सभी वस्तुओं के लिए एक समान नियम होंगे। 100 से लेकर 300 ग्राम तक की पैक्ड वस्तुओं के वजन में अधिकतम 4.5 फीसदी तक कमी की छूट होगी। तो 300 से 1000 ग्राम तक के लिए इसे घटाकर 3 फीसदी कर दिया गया है। 1000 से 15000 ग्राम तक के लिए यह छूट 1.5 फीसदी रखी गई है तो 15000 ग्राम से अधिक के लिए मात्र एक फीसदी।


उपभोक्ता मामले से जुड़े माप पध्दति विभाग के उप निदेशक बीएन दीक्षित कहते हैं, ‘हर चीज का दाम बढ़ता जा रहा है। ऐसे में उपभोक्ता को कम वजन वाला सामान क्यों दिया जाए। ‘


लेकिन इस फैसले से कई उपभोक्ता वस्तुओं के निर्माता सहमत नजर नहीं आ रहे हैं। ऑल इंडिया ब्रेड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि 500 ग्राम ब्रेड को जब पैक किया जाता है तो उसमें 41 फीसदी की नमी होती है और प्रतिदिन 1.25 फीसदी की दर से उसकी नमी में कमी आती है। एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि उन्हें पैकेट पर पैकेजिंग के समय के वजन (व्हेन पैक्ड) को लिखने की इजाजत दी जाए।


ऑल इंडिया बिस्कुट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के सचिव मोहन दास कहते हैं, ‘छोटे व मध्यम आकार के उद्यमियों के पास इतनी सटीक पैकेजिंग के लिए न तो मशीन है और न ही यह संभव हो पाएगा।’ कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने नागपुर से बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘आए दिन सरकार इन व्यापारियों का चालान करेगी।’


क्या हैं ये 22 वस्तुएं


बिस्कुट, ब्रेड, सीमेंट, डिटरजेंट क्लीनिंग, फेस क्रीम, घी-वनस्पति व खाद्य तेल, हेयर क्रीम, बच्चों के भोजन व दूधयुक्त खाद्य पदार्थ, तरल दूध, पॉलीथीन बैग में बिकने वाले अनाज व पैकेट में बिकने वाले मसाले, माचिस, शेविंग केक, शेविंग क्रीम, सोप चिप्स, टेलकम व फेस पाउडर, चाय, टॉयलेट साबुन, टूथपेस्ट, टूथपाउडर, हाथ धोने वाला साबुन, लिखाई व छपाई के कागज व भोजन व अन्य पदार्थों को लपेटने वाले कागज (रैपिंग पेपर)

First Published - March 24, 2008 | 12:56 AM IST

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