कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी कानून के कथित उल्लंघन के संबंध में जेनसोल इंजीनियरिंग और ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के मामलों की जांच का आदेश दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जेनसोल इंजीनियरिंग कथित रूप से धन की हेराफेरी और कामकाज संबंधी खामियों के लिए नियामक जांच के दायरे में है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अप्रैल में एक आदेश पारित कर कंपनी के प्रवर्तक अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को विभिन्न उल्लंघनों के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था। ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी अनमोल सिंह जग्गी द्वारा प्रवर्तित है।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 210 के तहत कंपनियों के खिलाफ जांच का आदेश दिया। मंत्रालय को धारा 210 के तहत जनहित सहित विभिन्न आधारों पर किसी कंपनी के मामलों की जांच का आदेश देने का अधिकार है। इससे पहले मंत्रालय ने कहा था कि वह सेबी के आदेश की समीक्षा करने के बाद मामले में आवश्यक कार्रवाई करेगा।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 15 अप्रैल को जेनसोल के प्रवर्तक के खिलाफ आदेश जारी किया था। इन प्रवर्तकों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग से ऋण राशि को निजी उपयोग के लिए गबन किया है। इससे कंपनी के कामकाज के तरीकों और वित्तीय कदाचार को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
15 अप्रैल को सेबी का आदेश जेंसोल के प्रवर्तकों के खिलाफ आया था, जिन पर कंपनी से लिए गए ऋण को व्यक्तिगत उपयोग के लिए डायवर्ट करने का आरोप है, जिससे कॉर्पोरेट गवर्नेंस और वित्तीय अनियमितताओं पर सवाल उठे हैं। 21 अप्रैल को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने बताया कि वह सेबी के आदेश की समीक्षा करने के बाद जेंसोल इंजीनियरिंग मामले में आवश्यक कार्रवाई करेगा।
इस बीच, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड और ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के वित्तीय विवरणों की समीक्षा छह महीने में पूरी करने की संभावना है। आईसीएआई का वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) वित्त वर्ष 2023-24 के लिए दोनों कंपनियों के वित्तीय विवरणों की समीक्षा कर रहा है। एफआरआरबी लेखांकन मानकों, लेखा परीक्षा मानकों, कंपनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची दो और तीन के अनुपालन का आकलन करने के लिए कंपनियों के वित्तीय विवरणों की समीक्षा करता है। इसके अलावा, एफआरआरबी, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी लेखांकन और लेखा परीक्षा पर विभिन्न मार्गदर्शन पत्र और परिपत्रों/निर्देशों के अनुपालन का भी आकलन करता है। जेनसोल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में भी है।
ICAI की वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (FRRB) वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इन दोनों कंपनियों के वित्तीय विवरणों की समीक्षा कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, यह समीक्षा प्रक्रिया अगले छह महीनों में पूरी हो जाने की संभावना है। जेंसोल इंजीनियरिंग कथित फंड डायवर्शन और गवर्नेंस में खामियों को लेकर नियामक जांच के घेरे में है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने पिछले सप्ताह कंपनी के प्रवर्तकों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को कई उल्लंघनों के चलते प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था। ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी, जो राइड-हेलिंग सेवाएं प्रदान करती है, का प्रवर्तन भी अनमोल सिंह जग्गी द्वारा किया गया है।
FRRB कंपनियों के वित्तीय विवरणों की समीक्षा करती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे लेखांकन मानकों, लेखा परीक्षा मानकों, कंपनी अधिनियम 2013 की अनुसूची II और III आदि का पालन कर रहे हैं या नहीं।
साथ ही, FRRB विभिन्न लेखांकन और लेखा परीक्षा संबंधी मार्गदर्शन नोट्स तथा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी मास्टर सर्कुलर/निर्देशों के अनुपालन की भी जांच करती है।
यदि वित्तीय विवरणों में गंभीर लेखांकन अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो मामला ICAI के निदेशक अनुशासन को विस्तृत जांच के लिए भेजा जाएगा और साथ ही संबंधित नियामक संस्थाओं को भी सूचित किया जाएगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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