सरकार की ओर से नियुक्त पैनल डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) प्लेटफॉर्म को लागू करने और क्रियान्वित करने के संबंध में विस्तृत चर्चा करने के लिए शीघ्र ही बैठक करेगा।
इस मामले के जानकार एक अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘प्लेटफॉर्म को विकसित करने में शामिल रहने वाली विभिन्न एजेंसियों को कार्य सौंपने के लिए चर्चाएं और बैठकें शीघ्र शुरू की जाएंगी। लक्ष्य, उद्देश्य, प्रारूप और जिम्मेदारियों को स्पष्ट किया जाएगा।’ उक्त अधिकारी ने कहा, ‘परिचालन, लॉन्च की योजना के बारे में चर्चा करनी पड़ेगी लेकिन उसमें थोड़ा वक्त लगेगा।’
ओएनडीसी खुले प्रोटोकॉल पर आधारित नेटवर्क है और यह स्थानीय वाणिज्य को गतिशीलता, किराना, भोजन के आर्डर और आपूर्ति, होटल की बुकिंग, यात्रा सहित विभिन्न खंडों में सक्षम बनाएगा। इनके बारे में किसी नेटवर्क समर्थित ऐप्लिकेशन के माध्यम से पता लगाया जाएगा और शामिल किया जाएगा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ओएनडीसी मौजूदा प्लेटफॉर्म केंद्रित डिजिटल कॉमर्स मॉडल से आगे जाएगा जहां खरीदार और विक्रेता को कोई कारोबारी सौदा करने के लिए एक ही प्लेटफॉर्म का उपयोग करना चाहिए। इस प्रणाली में यदि ऐप्लिकेशन खुले नेटवर्क से जुड़े हैं तो खरीदार और विक्रेता अपना सौदा पूरा करने के लिए आगे बढ़ सकते है जिसमें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि वे कौन से प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं।
प्रस्तावित सरकार समर्थित प्लेटफॉर्म का मकसद लघु और मध्यम उद्यमों तथा छोटे कारोबारियों को समर्थन देकर डिजिटल एकाधिकार में कटौती करना है। साथ ही इसका लक्ष्य इन समूहों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म मुहैया कराने में सहयोग करना है।
अधिकारियों का मानना है कि इससे एमेजॉन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनियों और इन ई-टेलरों पर अनुचित तरीके से कारोबार करने का आरोप लगाने वाले ऑफलाइन व्यापारियों के लिए एक समान अवसर का सृजन होगा।
अधिकारी ने कहा, ‘इसमें विक्रेताओं के लिए कठोर केवाईसी नियम भी होंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उपभोक्ताओं के साथ धोखा नहीं हो।’ उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्घन विभाग (डीपीआईआईटी) ने ओएनडीसी के डिजाइन और इसको अपनाने में तेजी लाने को लेकर सरकार को सलाह देने के लिए पिछले हफ्ते एक समिति का गठन किया था। इसमें इन्फोसिस के चेयरमैन और आधार को मूर्त रूप देने वाले नंदन निलेकणी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्याधिकारी आर एस शर्मा जैसे विशेषज्ञों सहित कई लोगों को रखा गया है।
