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भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में शीर्ष पांच देशों में शामिल करना अमृतकाल की परिकल्पना: रक्षा सचिव

Last Updated- December 11, 2022 | 3:15 PM IST

रक्षा क्षेत्र में ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल की ‘क्षमताओं के दोहन’ के प्रयास किये जा रहे हैं और देश के अमृत काल की परिकल्पना भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल देखना है।
 रक्षा सचिव अजय कुमार ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में संवाद के दौरान यह भी कहा कि पिछले 75 वर्षों में, भारत दुनिया में रक्षा उत्पादों के सबसे बड़े आयातकों में से एक बना हुआ है, लेकिन इस स्थिति को सरकार बदलना चाहती है। 

उन्होंने कहा कि दुनिया में रक्षा उत्पादन कुछ मुट्ठी भर देशों द्वारा किया जा रहा है और यदि कोई वैश्विक स्तर पर रक्षा उद्योग के बारे में विचार करता है तो पाता है कि रक्षा उत्पादन के एक बहुत बड़े हिस्से पर पांच देशों का दबदबा है। 

 उन्होंने कहा, ‘और ये देश हैं- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य।

कुमार ने कहा, ‘इसलिए, अगले 25 वर्षों में दुनिया में भारत के दबदबे की आकांक्षा रक्षा उद्योग क्षमताओं के विकास से करीब से जुड़ी हुई है।’

 
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में रक्षा उद्योग का समग्र प्रभाव व्यापक है। उन्होंने कहा, ‘देश की ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल की क्षमता का रक्षा क्षेत्र में उत्पादन और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र दोनों की दृष्टि से पूरी तरह से दोहन करने के प्रयास किए जा रहे हैं।  हम पहले से ही इसका परिणाम देखना शुरू कर चुके हैं।

 रक्षा सचिव ने कहा कि रक्षा उद्योग में ‘काफी उम्मीद’ है और भारत ने ‘जबरदस्त गति’ हासिल की है और ‘हम अगले 25 वर्षों में गति में बढ़ोतरी देख सकते हैं।’’

 शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा कि आज, युद्ध का नया रूप डिजिटल क्षेत्र में होने जा रहा है और यह ऐसा क्षेत्र है, जहां भारत में अंतर्निहित ताकत है एवं देश के पास नई रक्षा प्रौद्योगिकियों के निर्माण में विश्व नेता बनने का अवसर है। 

पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पीएएफआई) द्वारा आयोजित ‘इंडिया: द न्यू हब ऑफ ग्लोबल मैनुफैक्चरिंग’ पर संवादात्मक सत्र को सम्बोधित करने के बाद उन्होंने अलग से कहा कि ‘’रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत पांच शीर्ष देशों में शामिल होना चाहता है।’

First Published - September 22, 2022 | 9:19 PM IST

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