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18 पार के लिए टीके की मारामारी

Last Updated- December 12, 2022 | 3:57 AM IST

देश में 18-44 साल उम्र वर्ग के लोगों के बीच टीकाकरण की रफ्तार बढऩे के साथ ही राज्य टीके की खुराक खरीदने की होड़ में लगे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि ज्यादा आबादी के कारण उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की टीकाकरण की लागत अधिकतम होने की संभावना है। महाराष्ट्र 18-44 उम्र वर्ग की श्रेणी के लिए मई में केवल 25 लाख टीके की खुराक खरीदने में कामयाब रहा है जबकि राज्य में इस आयु वर्ग के अनुमानत: 5.5 करोड़ लोग हैं। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह केंद्र द्वारा किए गए आवंटन के अनुसार है। केंद्र यह तय करता है कि प्रत्येक राज्य कितने टीके खरीद सकते हैं और यह आवंटन टीका उत्पादन से भी जुड़ा हुआ है।’
इस बीच, मुंबई ने 1 करोड़ टीके की खुराक के लिए वैश्विक निविदा खत्म कर दी है जिसे इसने सीधे तौर पर टीके की खरीद के लिए जारी की थी। इसके लिए कुछ बोली भी लगाई गई (ज्यादातर स्पूतनिक वी के लिए) लेकिन बोली लगाने वालों का टीका निर्माताओं के साथ कोई सीधा संपर्क स्थापित नहीं हो पाया। इसी वजह से बोली रद्द कर दी गई और निविदा भी बंद कर दी गई। इस तरह वृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) का इस प्रक्रिया के जरिये सीधे तौर पर टीका खरीदने का सपना ही खत्म हो गया।
टीका निर्माताओं से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकारें नियमित रूप से उनसे पूछताछ कर रही हैं हालांकि टीके का वितरण केंद्र द्वारा तय कोटे के अनुसार किया जाता है। लेकिन कुछ राज्यों ने केंद्र द्वारा 18-44 उम्र वर्ग के लिए कोविड टीके की खुराक के लिए किए जा रहे आवंटन पर सवाल उठाए हैं।
मिसाल के तौर पर राज्य परिवार स्वास्थ्य एवं कल्याण निदेशक लक्ष्मण सिंह ओला के अनुसार राजस्थान को जून महीने के लिए अभी तक टीके की कोई खुराक नहीं मिली है और न ही 9 जून तक इसके मिलने की संभावना है। ओला ने कहा, ‘राज्यों के बीच टीके के वितरण के लिए ज्यादा न्यायसंगत तरीका होना चाहिए। अभी कुछ राज्यों को नुकसान हो रहा है। राजस्थान ने एक दिन में 600,000-700,000 टीका लगाने की अपनी क्षमता साबित कर दी है। ऐसे में राज्यों को 18-44 उम्र वर्ग के लोगों को टीका लगाने के लिए राजकोषीय दबाव झेलना ही होगा। राज्यों को भी आवंटन के संदर्भ में अपनी बात रखने का मौका चाहिए।’ राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार राजस्थान ने 3.5 करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया है जिनमें से अब तक केवल 18 लाख टीके की खुराक ही मिली है।
गुजरात जैसे अन्य राज्य बेहतर स्थिति में हैं। गुजरात के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक एम ए पंड्या ने कहा, ‘केंद्र अपने आवंटन में उदार रहा है। हमने 3 करोड़ टीके की खुराक का ऑर्डर दिया है। हमने 18-44 उम्र वर्ग के लिए सभी जिलों में टीकाकरण शुरू कर दिया है और युवा आबादी की तरफ  से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। दूसरी ओर राज्य के लिए खरीद करने वाली कंपनी गुजरात मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जीएमएससीएल) के पास टीका खरीदने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।
राजकोषीय ब्योरा दिए बगैर ही जीएमएससीएल के प्रबंध निदेशक प्रभाव जोशी ने कहा, ‘हमारा काम गुजरात के लिए टीके खरीदना है और हम इसे केंद्र के आवंटन के आधार पर कर रहे हैं। हमारे पास कुछ परिचालन वाला फंड है और हमने अतिरिक्त मंजूरी भी ली है। हमारे पास पर्याप्त बजट संसाधन हैं।’ हालांकि राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, गुजरात ने कोविड टीकों के लिए 3,200 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है।
विश्लेषक कहते हैं कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को ज्यादा लागत का वहन करना होगा। एमके रिसर्च के विश्लेषकों ने बताया, ‘हम यह मान रहे हैं कि केंद्र 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के भार का 70 फीसदी हिस्सा केंद्र और 30 फीसदी निजी क्षेत्र उठा रहे हैं क्योंकि देश में कुल टीकों के उत्पादन का 50 फीसदी हिस्सा केंद्र को ही मिल रहा है।’
इस बीच, केंद्र 18-44 उम्र वर्ग के लिए कोई भार नहीं उठा रहा है और विश्लेषकों के मुताबिक राज्यों को ही लगभग 60 फीसदी आबादी को कवर करना है और बाकी हिस्से को निजी क्षेत्र कवर करेंगे।
वह कहते हैं, विभिन्न राज्यों के टीकाकरण लागत के हमारे आकलन से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में टीकाकरण की अधिकतम लागत वहन करने की संभावना है जबकि प्रत्येक राज्य के सकल उत्पादन या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के नजरिये से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ लागत वहन करने में अग्रणी रहेंगे। यह 45 उम्र वर्ग की उप श्रेणी की आबादी पर निर्भर करता है।

First Published - June 6, 2021 | 11:13 PM IST

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