भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (P-notes) के जरिये होने वाला निवेश विदेशी निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने से जनवरी में हल्की गिरावट के साथ 1.43 लाख करोड़ रुपये रहा।
पी-नोट्स के जरिये भारतीय बाजार में निवेश पिछले एक साल में बढ़कर दिसंबर, 2023 में 1,49,447 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह आंकड़ा जनवरी, 2023 में 91,469 करोड़ रुपये था।
भारतीय शेयर बाजार में पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) यहां पर पंजीकरण कराए बगैर निवेश की मंशा रखने वाले विदेशी निवेशकों के लिए पी-नोट्स जारी करते हैं। हालांकि, इसके लिए भी विदेशी निवेशकों को जांच-परख के दौर से गुजरता पड़ता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय बाजार में इक्विटी, कर्ज एवं हाइब्रिड प्रतिभूति खंडों में पी-नोट्स से निवेश का कुल मूल्य जनवरी, 2024 के अंत में 1.43 लाख करोड़ रुपये रहा, जो दिसंबर, 2023 की तुलना में थोड़ा कम है।
एफपीआई निवेश के रुझान के साथ पी-नोट्स का प्रवाह भी निर्धारित होता है। कारोबारी परिवेश को किसी तरह का जोखिम होने पर इस मार्ग से निवेश बढ़ जाता है।
बाजार के जानकारों का मानना है कि एफपीआई ने नए साल की शुरुआत सतर्क रुख के साथ की लेकिन कुछ प्रमुख शेयरों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से निवेशकों ने मुनाफावसूली करनी शुरू कर दी। जनवरी में पी-नोट्स के जरिये आए निवेश में 1.26 लाख करोड़ रुपये इक्विटी, 16,731 करोड़ रुपये ऋण या बॉन्ड और 445 करोड़ रुपये हाइब्रिड प्रतिभूतियों में लगाए गए।