पिछले साल सितंबर के बाद देश में एक दिन में संक्रमण के 93,000 मामले आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्यों से कहा कि वे उन जगहों पर कड़े कदम उठाते हुए व्यापक प्रतिबंध लगाएं। यह बैठक कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी होने और देश में टीकाकरण अभियान की प्रगति का जायजा लेने के लिए बुलाई गई थी क्योंकि देश में एक दिन में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं जो सितंबर के मध्य से अब तक एक दिन में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले हैं। जिन राज्यों में संक्रमण के ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं, उन राज्यों से मोदी ने कहा है कि वे सतर्कता अभियान को जारी रखें ताकि पिछले 15 महीनों में कोविड-19 के प्रबंधन में सामूहिक तौर पर जो तेजी लाई जा सकी है उसे गंवाया न जाए।
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा सहित शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में कोविड की स्थिति और इसके लिए कार्रवाई वाले कदमों पर चर्चा की।
भारत में पिछले साल सितंबर में कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा मामले देखे गए थे और 17 सितंबर को एक दिन में ही 97,000 मामले आए थे। करीब 81 फीसदी नए मामले अकेले महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत 8 राज्यों में हैं।
मोदी ने निर्देश दिया है कि महाराष्ट्र में संक्रमण के ज्यादा मामले और इससे होने वाली मौत को देखते हुए जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टरों वाली केंद्रीय टीमों को महाराष्ट्र भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी ही टीमें पंजाब और छत्तीसगढ़ भी भेजी जाएं क्योंकि इन जगहों पर भी संक्रमण के ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
पिछले 14 दिनों में देश में कुल मामलों में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 57 प्रतिशत तक है और इसी अवधि में देश में हुई कुल मौत में 47 फीसदी मौतें इसी राज्य में हुई हैं। महाराष्ट्र में, रोजाना आने वाले नए मामलों की कुल संख्या 47,913 हो गई है जो इसके शीर्ष शिखर के मुकाबले दोगुने से ज्यादा है। कुल कोविड संक्रमण में पंजाब का योगदान 4.5 फीसदी है जबकि देश में होने वाली कुल मौत में इसकी हिस्सेदारी 16.3 फीसदी तक है। बैठक के दौरान देश में टीकाकरण अभियान, अन्य देशों के लिहाज से देश का प्रदर्शन और सभी राज्यों के प्रदर्शन से जुड़े विश्लेषण पर एक संक्षिप्त प्रेजेंटेशन भी दिया गया। सरकार ने कहा है कि टीका निर्माता अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा रहे हैं और उत्पादन बढ़ाने के लिए अन्य घरेलू और विदेशी कंपनियों के साथ भी चर्चा कर रहे हैं।
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘बढ़ती घरेलू जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ ही अन्य देशों की वास्तविक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में टीके तैयार करने की कोशिश चल रही है।’ ज्यादा संक्रमण से जूझ रहे 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की हिस्सेदारी कुल मामलों में 91.4 फीसदी और देश में होने वाली कुल मौतों में इसका योगदान 90.9 फीसदी है।
सरकार 6 से 14 अप्रैल तक सार्वजनिक तथा कार्यस्थलों तथा स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर 100 फीसदी मास्क का इस्तेमाल करने, व्यक्तिगत साफ.-सफ ाई और स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर देने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करेगी। मोदी ने राज्यों से स्वास्थ्यसेवा के बुनियादी ढांचे, ऑक्सीजन की उपलब्धता, वेंटिलेटर के साथ-साथ अन्य जरूरी सामान की तैयारी रखने को कहा है ताकि लोगों को मरने से बचाया जा सके।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि संक्रमण के मामलों में तेजी की प्रमुख वजह यह भी है कि संक्रमण से बचने के लिए मुख्य रूप से मास्क के इस्तेमाल और ‘दो गज की दूरी’ को बनाए रखने के निर्देशों के पालन में काफी ढीलापन आ गया जिसकी वजह से क्षेत्र के स्तर पर रोकथाम उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन में काफ ी कमी आ गई।’
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, ‘115.4 दिनों में कोविड मामलों के दोगुने होने के समय में तेजी आई है। बयान में यह भी कहा गया है कि कुछ राज्यों में संक्रमण के मामलों की वृद्धि में कोरोनावायरस के नए म्यूटेंट स्ट्रेन का भी योगदान है, वहीं कुछ लोग अभी इसको लेकर अटकल ही लगा रहे हैं। लेकिन महामारी को नियंत्रित करने के उपाय एक ही थे।’
महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, केरल और पंजाब जैसे पांच राज्यों का देश के कुल सक्रिय मामलों में 76 फ ीसदी हिस्सेदारी है। अकेले महाराष्ट्र में देश के कुल सक्रिय मामले में आधे से अधिक 58 फीसदी की हिस्सेदारी है।
