भारत ने रूस के कोविड टीके स्पूतनिक 5 के निर्माताओं से कहा है कि वे एक भारतीय प्रतिनिधि के माध्यम से भारत में टीके के परीक्षण के लिए आवेदन करें। नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वी के पॉल ने मंगलवार को संवाददाताओं को यह जानकारी दी। पॉल ने कहा, ‘उन्होंने चिह्नित कर लिया है कि उनकी ओर से कौन आवेदन करेगा। हमें आशा है कि वे जल्द ही उपयुक्त दस्तावेज के साथ नियामकों से संपर्क करेंगे।’
उन्होंने आम जनता से भी आग्रह किया कि कोरोना को लेकर खास सावधानी बरतें। उन्होंने अगले दो तीन महीने में खास सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए कहा कि त्योहारों के मौसम में भीड़भाड़ से बचा जाए। रूस की सरकार ने भारत से संपर्क करके कहा था कि वह भारतीय टीका निर्माताओं का सहयोग चाहती है और साथ ही नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा करते हुए चिकित्सकीय परीक्षण की इजाजत भी चाहती है।
पॉल ने कहा कि चूंकि कोविड के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है इसलिए जरूरत इस बात की है कि लोगों के बीच वायरस का प्रसार रोका जाए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष त्योहार मनाते समय शारीरिक दूरी का पालन करना होगा।
कोरोनावायरस के टीके के प्रभावी होने के बारे में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भागर्व ने कहा कि श्वसन तंत्र की बीमारियों के मामले में टीके के प्रभाव की बात करें तो बीमारी रोकने की 50 फीसदी से अधिक की क्षमता स्वीकार्य है। उन्होंने कहा, ‘श्वसन तंत्र के वायरस के मामले में टीके 100 प्रतिशत कारगर नहीं हैं। हम 100 प्रतिशत का प्रयास करेंगे लेकिन हमें 50 से 100 प्रतिशत तक की क्षमता मिल सकती है।’ भार्गव केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संस्थान द्वारा जारी मसौदा दिशानिर्देश के बारे में बात कर रहे थे। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, ‘संभव है कि कोविड-19 का टीका हल्के से गंभीर संक्रमण को रोकने में कामयाब रहे। ऐसे में इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि परीक्षण में गंभीर कोविड-19 संक्रमण की परिकल्पना पर काम किया जाए।’
भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर कोरोना के 4,000 मामले सामने आ रहे हैं जो 3,965 प्रति 10 लाख के वैश्विक औसत से ज्यादा है। बहरहाल, प्रति 10 लाख मौतों के मामले में भारत वैश्विक औसत 64 से करीब आधे पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविड-19 के सर्वाधिक मामले वाले सात राज्यों महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब की स्थिति और बीमारी से निपटने को लेकर उनकी प्रतिक्रिया की कल समीक्षा करेंगे।
देश में कुल सक्रिय मामलों में से 63 प्रतिशत इन्हीं सात राज्यों में हैं। कुल पुष्ट संक्रमणों में इनकी हिस्सेदारी 65.5 प्रतिशत और कुल मौतों में 77 प्रतिशत है।
