आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र का आकार 2030 तक 1 लाख करोड़ डॉलर का हो जाएगा, जो अभी 200 अरब डॉलर का है।
सीआईआई की ओर से आयोजित रियल एस्टेट सम्मेलन में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण ‘2022 तक सबके लिए आवास’ के तहत 1.12 करोड़ मकानों को स्वीकृति दी गई है और लाभार्थियों को 50 लाख मकान आवंटित किए जा चुके हैं।
सुधारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि रेरा (रियल एस्टेट नियमन एवं विकास) की वजह से उद्योग की छवि सुधारने में बहुत मदद मिली है। पश्चिम बंगाल ने रेरा को रोक रखा है, उसके अलावा पूरे देश में यह कानून लागू है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा हाल में पेश किए गए आदर्श किरायेदारी अधिनियम से किराया कानून ज्यादा बेहतर हुआ है और इससे खाली पड़े मकानों को किराये पर देने में मदद मिलेगी।
उन्होंने साफ किया कि नए कानून का असर मौजूदा किरायेदारी समझौतों पर नहीं पड़ेगा। कारोबार सुगमता के बारे में उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन परमिट इंडिया से उल्लेखनीय सुधार हुआ है और इसकी रैंकिंग पहले के 186 से सुधरकर अब 27 हो गई है।
