facebookmetapixel
Gold, Silver price today: चांदी ऑल टाइम हाई से फिसली, सोना की कीमतों में भी नरमीकैश और डेरिवेटिव ब्रोकरेज पर सेबी की कैंची, ब्रोकर्स अब क्या करेंगे?₹30 में 4 किमी सफर, दिल्ली में लॉन्च होने जा रही है भारत टैक्सी; ओला-उबर की बढ़ी टेंशन!ट्रंप ने किया ‘वॉरियर डिविडेंड’ का ऐलान, 14.5 लाख सैन्य कर्मियों को एकमुश्त मिलेंगे 1,776 डॉलरKSH International IPO: अब तक 28% भरा इश्यू, सब्सक्राइब करना चाहिए या नहीं; ग्रे मार्केट ये दे रहा इशारा77% तक रिटर्न देने को तैयार ये Realty Stock! ब्रोकरेज ने कहा- नए शहरों में विस्तार से तेजी की उम्मीदCAFE-3 मानकों पर विवाद अब PMO तक पहुंचा, JSW MG और Tata Motors ने उठाया मुद्दाPaytm पर खतरे की घंटी! Infosys और Britannia पर दांव लगाने की सलाह, चेक करें टारगेट्स, स्टॉप-लॉसStocks to Watch today: HCLTech से लेकर Tata Motors और Paytm तक, गुरुवार को इन 10 स्टॉक्स पर रखें नजरचुनाव से पहले बिहार की तिजोरी पर भारी बोझ, घाटा तीन गुना बढ़ा

स्टार्टअप कंपनियों में चीन के निवेश को मंजूरी की तैयारी

Last Updated- December 14, 2022 | 10:55 PM IST

केंद्र सरकार चीन के निवेशकों से जुड़े कई स्टार्टअप एवं तकनीकी सौदों को हरी झंडी दे सकती है। सूत्रों के अनुसार सरकार उन मामलों में अनुमति देने पर विचार कर रही है, जिसमें चीन के निवेशकों को किसी देसी कंपनी में 10 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी देने की बात चल रही है। इस पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘ऐसे ज्यादातर आवेदनों पर फिलहाल विचार चल रहा है और कुछ सवाल एवं स्पष्टीकरण कंपनियों के प्रतिनिधियों के समक्ष उठाए गए हैं। गृह मंत्रालय से सुरक्षा संबंधी मंजूरी मिलने के बाद अगले कुछ हफ्तों में सरकार अनुमति दे सकती है।’
सरकार अगर यह कदम उठाती है तो नकदी की कमी से जूझ रहीं कई स्टार्टअप कंपनियों को राहत मिल सकती है। भारत में निवेश करने की मंशा रखने वाली चीन की कंपनियों के संदर्भ में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) से जुड़े दिशानिर्देशों में बदलाव के बाद उनके निवेश के आवेदन विचाराधीन हैं। अप्रैल से चीन के निवेशकों के करीब 100 आवेदन विभिन्न विभागों में विचारधीन हैं। अधिकारी ने कहा, ‘इनमें ज्यादातर आवेदन उन क्षेत्रों से हैं, जो आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील नहीं माने जाते हैं। केवल स्टार्टअप ही नहीं, बल्कि चीन की कंपनियों ने भी वाहन क्षेत्रों में निवेश की दिचलस्पी दिखाई है। दो जानी-मानी वाहन विनिर्माताओं के आवेदन भी इस सूची में हैं। इन दोनों कंपनियों ने अगस्त में सरकार को आवेदन सौंपे थे, जो फिलहाल विचारधीन हैं।’
अधिकारी ने कहा कि सरकार देश में कोई निवेश आने से नहीं रोकना चाहती है, लेकिन भारतीय प्रवर्तकों के हितों एवं निवेश की गुणवत्ता की जांच के लिए समीक्षा की जाती है। अधिकारी ने कहा कि उन मामलों पर, जिनमें भारतीय कंपनियों में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी नहीं खरीदी जाएगी, इसलिए विचार हो रहा है क्योंकि इनमें चीन की कंपनियां भारतीय कंपनियों का नियंत्रण अपने हाथों में नहीं ले पाएंगी। खेतान ऐंड कंपनी में पार्टनर अतुल पांडेय ने कहा, ‘प्रेस नोट 3 लाने का मकसद कोविड-19 के कारण विभिन्न भारतीय कंपनियों के फिसलने की स्थिति में चीन की कंपनियों को उनका नियंत्रण लेने से रोकना है। चूंकि, 10 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी होने से चीन की कंपनियां भारतीय इकाइयों का नियंत्रण अपने हाथों में नहीं ले पाएंगी, इसलिए सरकार ऐसे मामलों में निवेश के आवदेनों पर मुहर लगा सकती है।’
सूत्रों ने कहा कि संबंधित विभाग प्रत्येक कंपनी और उनके द्वारा किए गए पिछले निवेश का मूल्यांकन कर रहा है।
उदाहरण के लिए जोमैटो उन स्टार्टअप कंपनियों में है, जिसे दूसरे चरण में अलीबाबा की वित्तीय इकाई ऐंट फाइनैंशियल से 10 करोड़ डॉलर निवेश लेने में परेशानी पेश आ रही है। ऐंट फ ाइनैंशियल ने 2018 में जोमैटो में 14.7 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। उसी साल नवंबर में उसने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 23 प्रतिशत कर दी थी। ऐसे मामले थोड़े पेचीदा होते हैं। उदहारण के लिए ऐंट की जोमैटो में बड़ी हिस्सेदारी है। लिहाजा बेनिफिशियल ओनरशिप की मौजूदा परिभाषाओं के अनुसार उनका पहले ही जोमैटो पर नियंत्रण है। इस पर एक विशेषज्ञ ने कहा कि ऐसे में ऐंट से नया निवेश मिलने से कोई खास अंतर नहीं आएगा। सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि नए एफडीआई दिशानिर्देश केवल नए निवेश प्रस्तावों पर ही लागू होंगे और पुराने निवेश इसकी जद में नहीं होंगे।

First Published - October 9, 2020 | 11:10 PM IST

संबंधित पोस्ट