खाड़ी के बहुत से देश कोविड-19 के बढ़ते मामलों से जूझ रहे हैं, इसलिए पश्चिम एशिया में रहने वाले भारतीय (एनआरआई) यहां की रियल्टी कंपनियों से ज्यादा संपर्क कर रहे हैं और खरीदारी भी बढ़ा रहे हैं।
बहुत से डेवलपरों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि उनकी दिलचस्पी बढऩे की बड़ी वजह यह है कि कोविड-19 के कारण खाड़ी देशों में नौकरियां जा रही हैं, तेल के दाम गिरे हैं और एनआरआई को अपने देश में घर खरीदना ज्यादा सुरक्षित लग रहा है। खबरों के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात से ही करीब 1.5 लाख भारतीयों ने लौटने का पंजीकरण कराया है। इनमें से 25 फीसदी ने देश छोडऩे की वजह नौकरी जाना बताया है। यही कारण है कि खाड़ी से भारत में संपत्ति खरीदारी बढ़ रही है, जिसका फायदा रियल्टी कंपनियों को मिल रहा है। उदाहरण के लिए गोदरेज प्रॉपर्टीज ने पिछले पूरे वित्त वर्ष में खाड़ी के ग्राहकों को जितनी बिक्री की थी, उसकी आधी बिक्री उसने अप्रैल और मई में ही कर दी। कंपनी के मुख्य विपणन अधिकारी ललित मखीजानी का अनुमान है कि खाड़ी के खरीदारों द्वारा खरीदारी का यह रुझान वित्त वर्ष के बाकी समय में भी बना रहेगा। कंपनी ने वित्त वर्ष 2020 में खाड़ी के ग्राहकों को 473 करोड़ रुपये की संपत्तियां बेची थीं, जो तीन साल पहले की बिक्री की तुलना में तिगुनी थी।
मुंबई की डेवलपर सनटेक रियल्टी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कमल खेतान ने कहा, ‘खाड़ी सहयोग परिषद के बाजारों की अर्थव्यवस्था तेल पर चलती है और इस समय पिटी हुई है। वहां से लौट रहे कर्मचारी इस सुरक्षा कवच पर निवेश कर रहे हैं। हाल की वैश्विक अनश्चितता से देसी बाजारों में उनका भरोसा आसैर मजबूत हुआ है।’
बेंगलूरु की पूर्वांकरा ने पिछले दो महीनों में खाड़ी के ग्राहकों को 50 यूनिट बेची हैं। इसमें किफायती मकान बनाने वाली उसकी सहयोगी कंपनी प्रॉविडेंट हाउसिंग की बिक्री भी शामिल है। कंपनी के प्रबंध निदेशक आशीष आर पूर्वांकरा ने कहा, ‘हम अगले दो महीनों में बिक्री में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। हमारी दो परियोजनाओं की ई-शुरुआत 6 जून को होगी।’ बेंगलूरु की ही डेवलपर कंपनी ब्रिगेड एंटरप्राइजेज इस साल मार्च के अंत से अभी तक खाड़ी के खरीदारों को 15 करोड़ रुपये की बिक्री कर चुकी है। यह राशि छोटी होने पर भी अहम इसलिए है क्योंकि उस वक्त पूरे देश में लॉकडाउन था। कंपनी को खाड़ी के ग्राहकों को बिक्री चालू वित्त वर्ष में 20 फीसदी बढऩे की उम्मीद है। मुुंबई की कंपनी हीरानंदानी के प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि कुछ सौदे हो चुके हैं और कई सौदों पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारी मिश्रित उपयोग वाली टाउनशिप में रहने पर उन्हें वही जीवनशैली और जीवन स्तर मिलेगा, जिसकी आदत उन्हें खाड़ी देशों में पड़ गई है।’
