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पूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगात

पूर्वोत्तर में शिक्षा और कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 21 हजार करोड़ रुपये निवेश किए जाने और नई यूनिवर्सिटी की नींव रखी जाने की घोषणा की गई है

Last Updated- November 08, 2025 | 7:38 PM IST
Nirmala Sitharaman
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण | फाइल फोटो

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को असम के दौरे पर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों में केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के शिक्षा क्षेत्र में 21 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। गोहपुर के भोलागुड़ी में स्वाहिद कनकलता बरुआ स्टेट यूनिवर्सिटी की नींव रखते हुए उन्होंने ये बातें कहीं। ये असम की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी होगी जो सिर्फ टेक्निकल और वोकेशनल एजुकेशन पर फोकस करेगी।

सीतारमण दो दिन के असम दौरे पर शुक्रवार से यहां आई हुई हैं। उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक पूर्वोत्तर में 850 से ज्यादा नए स्कूल खोले गए हैं। इलाकवर्सिटी में पहला एम्स शुरू हो चुका है। 200 से ज्यादा स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट भी काम करने लगे हैं। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी इसी क्षेत्र में बन रही है।

असम की बात करें तो यहां 15 नए मेडिकल कॉलेज बन चुके हैं। दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा कैंसर केयर सेंटर भी असम में ही आने वाला है। जल्द ही क्षेत्र का दूसरा आईआईएम भी असम को मिल जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए केंद्र राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

कनेक्टिविटी में भी रफ्तार

शिक्षा के साथ-साथ पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी भी तेजी से बढ़ी है। सीतारमण ने बताया कि सड़कें, पुल और टनल के अलावा हवाई और रेल नेटवर्क पर भी जोर दिया जा रहा है। पिछले 11 सालों में क्षेत्र में 10 नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बन गए हैं।

रेल के मामले में मणिपुर और मेघालय पहली बार देश के रेल नक्शे पर जुड़े हैं। ये दोनों राज्य अब रेल से जुड़ चुके हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि ये बदलाव पूर्वोत्तर को मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं।

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स्वाहिद कनकलता बरुआ को याद किया

नींव रखते हुए सीतारमण ने स्वतंत्रता सेनानी कनकलता बरुआ को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सिर्फ 17 साल की उम्र में कनकलता को यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहिए था, लेकिन उन्होंने देश के लिए जान कुर्बान कर दी। राष्ट्र ध्वज को ऊंचा रखने के लिए वे शहीद हो गईं। उनके नाम पर यूनिवर्सिटी बहुत पहले बननी चाहिए थी।

कनकलता क्विट इंडिया मूवमेंट में मृत्यु बहिनी की सदस्य थीं। 20 सितंबर 1942 को गोहपुर थाने पर तिरंगा फहराने जातीं प्रोसेसन की अगुवाई कर रही थीं। पुलिस की गोली से वे शहीद हो गईं।

वित्त मंत्री ने कहा कि गोहपुर थाने को संरक्षित करना या स्मारक बनाना लोगों को खींचेगा, लेकिन उनके नाम की यूनिवर्सिटी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। ये सही दिशा में कदम है। उन्होंने यहां पढ़ने वाले युवाओं से अपील की कि वे कनकलता और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के देशभक्ति के जज्बे को अपने अंदर रखें।

नई यूनिवर्सिटी में क्या होगा खास

स्वाहिद कनकलता बरुआ स्टेट यूनिवर्सिटी 415 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी। कुल 241 एकड़ जमीन पर फैली होगी। बिल्ट-अप एरिया 7 लाख वर्ग फुट का होगा। यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी, ब्लॉकचेन, ड्रोन टेक्नोलॉजी, क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और स्मार्ट सिटी जैसे कोर्स चलेंगे।

कैंपस में 2000 छात्रों के लिए एकेडमिक ब्लॉक होंगे। 1620 छात्रों के लिए हॉस्टल, स्टाफ के लिए क्वार्टर, गेस्ट हाउस और स्टूडेंट फैसिलिटी सेंटर भी बनेगा। सीतारमण ने इसे पूर्वोत्तर के युवाओं के लिए बड़ा मौका बताया। उनके नाम की यूनिवर्सिटी की नींव रखना उनके लिए सम्मान की बात है।

(PTI के इनपुट के साथ)

First Published - November 8, 2025 | 7:33 PM IST

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