एनएचएआई इनविट में होंगी ज्यादा ग्रामीण सड़कें

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:17 AM IST

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) में कुछ बदलाव किए जाने की संभावना है, जिससे यह संभावित बोलीकर्ताओं के अनुकूल हो सके। इनविट इस वित्त वर्ष के अंत तक आने वाला है, जिसके लिए केंद्र सरकार बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी का इंतजार कर रही है।
शहरी इलाके में पडऩे वाले सड़क खंड, जो इसके पहले इनविट की पेशकश का हिस्सा थे, को प्रस्ताव में से हटा लिया गाय है और उनकी जगह ग्रामीण इलाकों की सड़कों को डाला गया है। सड़क मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, ‘चेन्नई शहरी क्षेत्र के भीतर और उसके आसपास के कुछ सड़क खंड हटाए गए हैं और दूरस्थ इलाकों की कुछ सड़कों को शामिल किया गया है, क्योंकि एनएचएआई का माना है कि शहरी इलाके की सड़क से टोल राजस्व की कमाई हो सकती है, ऐसे में इसे इनविट परियोजनाओं से अलग रखा जाना चाहिए।’
अगर कोई राजमार्ग शहरी इलाके के तहत आता है तो उसमें एनएचएआई के लिए अपने दम पर राजस्व कमाने की क्षमता है और उसे इनविट के समर्थन की जरूरत नहीं है और सामान्यतया इसे धन जुटाने की कवायद से दूर रखा जाता है।इनविट म्युचुअल फंडों की तरह काम करता है, जिसमें संभावित व्यक्तिगत या संस्थागत निवेशकों द्वारा बुनियादी ढांचा में छोटी राशि का निवेश किया जाता है, जिससे मुनाफे के रूप में आमदनी के छोटे हिस्से की कमाई हो सके।  इस मॉडल के तहत संपत्तियां इनविट में रखी जाती हैं, जहां निवेशक धन लगाते हैं और ऐसी संपत्तियों से होने वाली आमदनी से लाभांश का भुगतान किया जाता है।
विदेशी व घरेलू संस्थागत निवेशकों से धन जुटाने के लिए इनविट व्यवस्था लाई जाती है। चल रही 5 सड़कों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें इनविट में स्थानांतरित किया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में यह गया गया है कि ज्ञापन जारी करने की प्रक्रिया चल रही है और मार्च 2021 में इसे जारी किया जा सकता है, जिससे 5,000 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है।
कुल मिलाकर एनएचएआई ने इस माध्यम से धन जुटाने के लिए करीब 19 परियोजनाएं चिह्नित की हैं, जिनसे 35,000 करोड़ रुपये आने का अनुमान है।
राष्ट्रीय राजमार्ग बुनियादी ढांचा निवेश प्रबंधक प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक निवेश प्रबंधक कंपनी का गठन किया गया है। आईडीबीआई के सेवानिवृत्त चेयरमैन और भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक बी श्रीराम को कंपनी का चेयरमैन बनाया गया है, जबकि मैक्क्वैरी ग्रुप से जुड़े रहे सुरेश गोयल को प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी बनाया गया है। एनएचएआई के सदस्य (वित्त) बोर्ड में प्रवर्तक की ओर से नामित सदस्य होंगे।

First Published : February 14, 2021 | 9:02 PM IST