वित्त वर्ष 2022 की मार्च में समाप्त तिमाही में 9 गैर-कृषि क्षेत्रों में रोजगार सृजन में कमी आई थी। ऐसा संभवत: कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन के असर की वजह से हुआ है और इस दौरान अतिरिक्त रोजगार सृजन घटकर 3.5 लाख रहा जबकि दिसंबर तिमाही में 3.9 लाख लोगों को रोजगार मिला था।
श्रम मंत्रलाय द्वारा आज जारी तिमाही रोजगार सर्वेक्षण के चौथे चरण के अनुसार विनिर्माण, निर्माण, व्यापार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, होटल एवं रेस्टोरेंट, सूचना प्रौद्योगिकी-बीपीओ और वित्तीय सेवाओं जैसे 9 क्षेत्रों में मार्च तिमाही में कुल नौकरियां 3.18 करोड़ रही जो दिसंबर तिमाही में 3.14 करोड़ थी। मार्च तिमाही के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में सबसे ज्यादा 14 लाख नौकरियां घटी।
इसी तरह शिक्षा क्षेत्र में 22,204 और निर्माण क्षेत्र में 8,956 नौकरियां कम हुईं। हालांकि आईटी/बीपीओ क्षेत्र में इस दौरान सबसे ज्यादा 3.7 लाख नई नौकरियां सृजित हुईं और स्वास्थ्य क्षेत्र में 93,701 लोगों को काम मिला। इन 9 क्षेत्रों में कुल अनुमानित रोजगार में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 38.5 फीसदी, शिक्षा क्षेत्र की 21.7 फीसदी, आईटी/बीपीओ की 12 फीसदी और स्वास्थ्य क्षेत्र की 10.6 फीसदी योगदान रहा। कुल व्यापार क्षेत्र की 5.3 फीसदी और परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 4.2 फीसदी है।
महिला कर्मचारियों की बात करें तो कुल श्रमबल में इसकी हिस्सेदारी मार्च तिमाही में 31.8 फीसदी रही जो दिसंबर तिमाही के 31.6 फीसदी से मामूली अधिक है। आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के अनुसार मार्च 2022 की तिमाही में कुल श्रमबल में महिला कामगारों की हिस्सेदारी 20.4 फीसदी थी।
पीएलएफएस और तिमाही रोजगार सर्वेक्षण में महिला कामगारों की भागीदारी में अंतर पर ऑल इंडिया सर्वेज पर विशेषज्ञ समिति के चेयरमैन एस पी मुखर्जी ने कहा कि पीएलएफएस में महिलाओं की हिस्सेदारी कम इसलिए दिख रही है क्योंकि यह सर्वेक्षण आपूर्ति पक्ष के आंकड़ों पर आधारित है।
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा कराए जाने वाला पीएलएफएस परिवारों पर सर्वेक्षण के माध्यम से श्रम बाजार के आपूर्ति पक्ष के लिए रोजगार परिदृश्य प्रदान करता है। वहीं श्रम मंत्रालय के तिमाही रोजगार सर्वेक्षण में श्रम बाजार के मांग पक्ष की तस्वीर बयां करती है और यह संस्थानों के सर्वेक्षण पर आधारित होता है।