सरकार ने निवेशकों व उद्यमियों के लिए आज बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय एकल खिड़की व्यवस्था शुरू की। यह पोर्टल केंद्र के साथ राज्यों की मौजूदा मंजूरी व्यवस्था का एकीकरण करेगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एकल खिड़की पोर्टल निवेशकों की मंजूरियों व अनुमतियों के लिए एक जगह सारी सुविधाएं मुहैया कराने वाला होगा और निवेशकों, कारोबारियों व उद्यमियों को जरूरी मंजूरियों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
गोयल ने कहा, ‘आज यह पोर्टल केंद्र सरकार के 18 विभागों और 9 राज्यों से जुड़ी मंजूरियां देने का काम कर रहा है और दिसंबर, 2021 तक केंद्र के 14 विभाग और 5 राज्य और इसमें जुड़ जाएंगे।’
पोर्टल की शुरुआत किए जाने के मौके पर बोलते हुए गोयल ने कहा, ‘यह नौकरशाही और विंडो के भीतर विंडो से स्वतंत्रता है। कारोबार सुगमता की दिशा में यह बड़ा कदम है। व्यवसाय की राह में कोई बाधा नहीं बनना चाहता। इससे न सिर्फ कारोबार सुगमता सुनिश्चित होगी, बल्कि जीवन सुगम होगा। उद्यमियों व सरकार के बीच एकल खिड़की संपर्क की जरूरत के परिणामस्वरूप यह पोर्टल सामने आया है।’ उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने अप्रैल में यह पोर्टल शुरू करने की योजना बनाई थी। कोरोना की दूसरी लहर के कारण इसमें देरी हुई। इस पोर्टल की सॉफ्ट लॉन्च की योजना 15 अगस्त को बनी, लेकिन यह परीक्षण के चरण में बना रहा, जिसमें सबसे बड़ी चुनौती तमाम हिस्सेदारों के साथ तालमेल था।
इस प्लेटफॉर्म के आने से विभिन्न पोर्टलों पर कई आवेदन देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। निवेश प्रस्ताव के लिए तमाम मंजूरियां लेनी होती हैं, जो विभिन्न राज्यों व सरकारी विभागों से मिलती है। बहरहाल अब भी सभी मंजूरियों की जरूरत होगी। मंत्री ने आगे कहा कि सबी सॉल्यूशंस यहां एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया हैै, ‘यह व्यवस्था पारदर्शिता, जवाबदेही और दायित्व का बोध लाएगी और एक ही जगह सारी सूचनाएं उपलब्ध होंगी।’
फीडबैक से ई-कॉमर्स पर एक मजबूत नीति बनाने में मिलेगी मदद : गोयल
वाणिज्य एवं उद्योग और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि वह ई-कॉमर्स नियमों के मसले पर सभी हिस्सेदारों से बात करने, अलग अलग राय पर विचार करने और विवादास्पद उपभोक्ता संरक्षण नियमों के मामले में एक सफल नीति नीति लाने को इच्छुक हैं। गोयल का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के एक दिन बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि वित्त मंत्रालय, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय सहित प्रमुख सरकारी विभगों ने कुछ नियमों पर आपत्ति जताई है, जिसका प्रस्ताव ई-कॉमर्स के लिए किया गया है। बहरहाल गोयल ने इस आलोचना को खारिज किया है। गोयल ने कहा, ‘इसीलिए हिस्सेदारों से परामर्श किया जाता है। कुल मिलाकर मसौदा नीति लाई क्यों जाती है? यह लोगोंं से फीडबैक लेने के लिए लाई जाती है। हम सभी फीडबैक का स्वागत करेंगे। इसके साथ हम ज्यादा बेहतर नीति बना पाएंगे। हर सेक्शन को बढऩा चाहिए और जीवित रहना चाहिए। कुछ रिपोर्टों में अन्य विभागों के फीडबैक को सनसनी की तरह पेश किया जा रहा है।’
