भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) विभिन्न क्षेत्रों के लिए मानकीकृत उत्पादों को पेश करने पर विचार कर रहा है, जिससे हर क्षेत्र में संरक्षण का अनुपात बढ़ाया जा सके। नियामक जीवन बीमा के क्षेत्र में एक मानक सावधि बीमा पॉलिसी, एमएसएमई क्षेत्र में काम करने वालों के लिए दो मानक उत्पाद, सूक्ष्म उद्यमों के लिए एक और छोटे उद्योगों के लिए एक मानक बीमा उत्पाद तैयार कर रहा है। इसके अलावा नियामक आवास इकाइयों के लिए एक मानक उत्पाद विकसित कर रहा है, जिसे जल्द ही पेश किया जाएगा।
सीआईआई इंश्योरेंस कार्यक्रम में आईआरडीएआई के चेयरमैन सुभाष चंद्र खुंटिया ने कहा, ‘विचार यह है कि अगर सभी कंपनियों द्वारा मानक पॉलिसी बेची जाती है तो पॉलिसीधारकों के लिए उस उत्पाद को खरीदना आसान होगा।’ उन्होंने कहा, ‘हम सूक्ष्म उद्यमों के साथ मझोले उद्यमों के लिए मानक उत्पाद लाने की योजना बना रहे हैं, जिससे कवरेज में सुधार हो सके। इससे इन उद्योगों को नुकसान होने पर तत्काल मदद मिल सकेगी। हम यह भी ध्यान रख रहे हैं कि अगर पॉलिसी प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, चक्रवात आदि में बेहतर काम करती है तो सराकर के लिए स्थिति से निपटना बहुत आसान होगा क्योंकि बीमा कंपनियां नुकसान की भरपाई करने में सफल रहेंगी।’
भारत बड़े पैमाने पर गैर बीमित देश है, जहां सिर्फ 19 प्रतिशत लोगों का बीमा है। वाहनों के मामले में थर्ड पार्टी बीमा अनिवार्य होता है, वहीं सिर्फ 79 प्रतिशत चार पहिया वाहन बीमित हैं और 66 प्रतिशत चारपहिया वाहनों का वाहन क्षति का बीमा है। दोपहिया वाहनों के मामले में स्थिति बहुत खराब है और केवल 36 प्रतिशत वाहनों का ही थर्ड पार्टी बीमा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में देखेंं तो करीब 36 प्रतिशत लोग बीमित हैं, लेकिन इसमें भी तीन चौथाई सरकारी योजना के तहत बीमित हैं, शेष में सिर्फ 3.2 प्रतिशत ने व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा कराया है और 5.4 प्रतिशत समूह स्वास्थ्य बीमा के तहत बीमित हैं।
इस तरह से कुल स्वास्थ्य व्यय का करीब 62 प्रतिशत लोगों की अपनी जेब से जाता है। सिर्फ 0.9 प्रतिशत मकान बीमित हैं, जबकि अमेरिका में 90 प्रतिशत से ज्यादा आवासीय इकाइयां बीमित हैं।
एमएसएमई क्षेत्र में सिर्फ 5 प्रतिशत इकाइयां बीमित हैं। इस क्षेत्र को बहुत ज्यादा स्तर पर संरक्षण की जरूरत है। खुंटिया ने कहा, ‘इस क्षेत्र के लिए नियामक दो बीमा उत्पाद लाने जा रहा है। एक माइक्रो इंटरप्राइजेज के लिए और एक छोटे उद्यमों के लिए। हम इस क्षेत्र में संरक्षण बढ़ाएंगे और इसे 5 प्रतिशत से कम से कम अगले 2 साल में 25 प्रतिशत तक ले जाएंगे।’ इसके पहले नियामक ने मानक स्वास्थ्य उत्पाद आरोग्य संजीवनी पेश किया था, जिसके तहत 1.65 लाख लोगों को कवर मिला है। इसी तरह से 10 जुलाई को नियामक ने दो मानक कोरोना उत्पाद- कोरोना कवच और कोरोना रक्षक पेश किया था, जिसमें 2 लाख लोग शामिल हैं, जिसका प्रीमियम संग्रह 482 करोड़ रुपये है और इसके तहत बीमित राशि 1.1 लाख करोड़ रुपये है।
चेयरमैन ने कहा, ‘अब तक कोरोना से संबंधित 2,38,560 दावे आए हैं और 1,48,298 दावों का पूरी तरह निपटान कर दिया गया है। लेकिन स्वास्थ्य बीमा कंपनियां इससे पूरी तरह निपटने के लिए तैयार हैं।’