कोरोनावायरस के नए चिंताजनक स्वरूप ओमीक्रोन की जानकारी एक महीने से अधिक वक्त तक मिल गई। उस वक्त के बाद से ही जीनोमिक अनुक्रमण के जरिये इसके तेज प्रसार की पहचान करने में मदद मिल रही है ऐसे में प्रमुख भारतीय शहरों में कोविड-19 के दोबारा उभार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
मुंबई में संक्रमण के मामले जिस गति के साथ बढ़ रहे हैं, उनमें इतनी तेजी पहले कभी नहीं देखी गई थी। संक्रमण के मामले 29 दिसंबर को एक दिन में लगभग दोगुने होकर 1,377 से 2,510 हो गए और करीब एक पखवाड़े में सामान्य स्तर से 10 गुना बढ़कर 200 के स्तर पर बढ़ा है। दिल्ली में भी संक्रमण की संख्या रोजाना दोगुनी हो रही है और तीसरी लहर की आशंका बढ़ती जा रही है।
जांच में संक्रमण दर बढ़ रही है और यह मुंबई, पुणे, दिल्ली और बेंगलूरु सहित कई शहरों में बढ़ रही है। यहां संक्रमण के पुष्ट मामलों और लैब जांच के साप्ताहिक औसत के जरिये, साप्ताहिक जांच संक्रमण दर का अंदाजा मिलता है। इसके जरिये ये किसी खास दिन से 7 दिन पहले की स्थिति का अंदाजा देता है। मुंबई, दिल्ली और पुणे में हाल में संक्रमण दरों में नाटकीय रूप से तेजी देखी गई है। बेंगलूरु में इसमें अब धीरे-धीरे तेजी देखी गई है।
मुंबई की साप्ताहिक जांच संक्रमण दर (साप्ताहिक औसत) दिसंबर के पहले दो हफ्तों में लगातार 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 29 दिसंबर को खत्म हुए सात दिनों में 2.69 प्रतिशत हो गई है। पुणे में कोविड-19 के कम प्रसार की अवधि के दौरान भी जांच में संक्रमण दर दिसंबर के शुरुआती दिनों के 1.3 फीसदी के स्तर से बढ़कर 29 दिसंबर को 2.2 प्रतिशत हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संक्रमण की दर 0.1 प्रतिशत से बढ़कर 0.63 प्रतिशत हो गई है। दिल्ली में संक्रमण की दर एक सप्ताह में तीन गुना से अधिक हो गई है। दूसरी ओर बेंगलूरु में संक्रमण की दर में वृद्धि दिल्ली की तुलना में धीमी रही है। देश की प्रौद्योगिकी राजधानी माने जाने वाले बेंगलूरु में संक्रमण दर 28 दिसंबर तक 10 दिनों से भी कम समय में 0.4 फीसदी से बढ़कर 0.6 फीसदी हो गई है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से नागरिक प्रशासन को जांच की दर में तेजी लानी चाहिए, खासतौर पर उन इलाकों में जहां संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रही है। दिसंबर 2021 के शुरुआती हफ्तों में चारों महानगरों ने कुछ हद तक जांच की दर तेज की। अंतरराष्ट्रीय यात्रा के माध्यम से ओमीक्रोन के प्रसार को लेकर ऐसी प्रतिक्रिया दिखी है जिसमें जांच और संपर्क का पता लगाया जाना शामिल है। हालांकि दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में जांच कम हो गई है। पुणे को छोड़कर, तीन अन्य शहरों में क्रिसमस के करीब जांच में स्पष्ट रूप से कमी आई है। दिल्ली में प्रति 10 लाख पर करीब 3000 की दर से जांच चल रही है और यहां औसतन 56,000 जांच रोजाना होता रही है। वहीं मुंबई में प्रत्येक 10 लाख पर रोजाना जांच की तादाद 2,300 से बढ़कर 3,000 के करीब हो गई जो हाल के दिनों में रोजाना 10 लाख की आबादी पर जांच घटकर 2,900 हो गई। जांच में साप्ताहिक औसत का इस्तेमाल किया जाता है। तीन महानगरों की तुलना में पुणे में जांच की दर कम है।
