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महामारी में भारतीयों ने बनाए औसतन 19 नए ऑनलाइन अकाउंट : आईबीएम सर्वेक्षण

Last Updated- December 12, 2022 | 3:41 AM IST

महामारी के दौरान उपभोक्ताओं के डिजिटल व्यवहार के संबंध में आईबीएम द्वारा किए गए वैश्विक अध्ययन में पाया गया है कि इस वैश्विक महामारी में भारतीयों ने ऑनलाइन सेवाओं की विभिन्न श्रेणियों में औसतन 19 नए ऑनलाइन अकाउंट सृजित किए तथा तीन नए अकाउंट सोशल मीडिया और मनोरंजन के लिए तैयार किए गए।
इस वैश्विक सर्वेक्षण में 22 बाजारों में 22,000 लोगों से उनके ऑनलाइन व्यवहार के बारे में पूछा गया था तथा आईबीएम सिक्योरिटी की ओर से मॉर्निंग कंसल्ट द्वारा इसे आयोजित किया गया था। सर्वेक्षण में पाया गया कि वैश्विक स्तर पर उत्तरदाताओं ने महामारी के दौरान औसतन 15 नए ऑनलाइन अकाउंट निर्मित किए, जो दुनिया भर में निर्मित किए गए अरबों नए अकाउंट के बराबर हैं। करीब 44 प्रतिशत लोगों ने बताया कि इन नए अकाउंटों को डिलिट या निष्क्रिय करने की उनकी कोई योजना नहीं है, जिससे आने वाले सालों में डिजिटल फुटप्रिंट बढ़ेगा और साइबर अपरोधियों को हमला करने के लिए काफी व्यापक स्थान मिलेगा।
महामारी के दौरान सभी श्रेणियों में 50 से ज्यादा भारतीय उत्तरदाताओं ने करीब 27 नए ऑनलाइन अकाउंट निर्मित किए तथा अन्य किसी भी आयु वर्ग की तुलना में ज्यादा नए अकांउट बनाए। कोविड के दौरान भारत में लोगों ने वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिये सभी प्रकार के कारोबारों तथा संगठनों के साथ और ज्यादा बातचीत की, खास तौर पर बैंकिंग (65 प्रतिशत) और खरीदारी या खुदरा (54) से संबंधित क्षेत्र में।
आईबीएम टेक्नॉलोजी सेल्स (भारत/दक्षिण एशिया) के सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर सेल्स लीडर प्रशांत भटकल ने कहा ‘इस सर्वेक्षण की सबसे बड़ी बात यह है कि उपभोक्ता इस महामारी के दौरान डिजिटल संपर्क की सुविधा के अभ्यस्त हो गए हैं और यह चलन समाज द्वारा कोविड से पहले वाले मानदंडों में लौटने के बाद भी जारी रहने की उ मीद है। जो कंपनियां इस महामारी के दौरान उपभोक्ताओं के साथ डिजिटल जुड़ाव पर ज्यादा निर्भर हैं, उन्हें अपनी सुरक्षा के जोखिम प्रोफाइल के संबंध में इन बदलावों के असर पर जरूर विचार करना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि कंपनियों को मजबूत सुरक्षा व्यवस्था निर्मित करने और संभावित जोखिम सीमित करते समय डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बाधा रहित उपयोगकर्ता अनुभव उपलब्ध कराने के लिए ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा का सबसे बड़ा स्तर सुनिश्चित करने के लिए भारत में कंपनियों को ‘जीरो-ट्रस्ट’ वाला दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
भारत में अधिकांश उत्तरदाता (56 प्रतिशत) कोई नया डिजिटल अकाउंट निर्मित करने में एक से पांच मिनट के बीच का वक्त लगाने की उ मीद करते हैं। अध्ययन में पाया गया है कि 47 प्रतिशत तक भारतीय उत्तरदाता ज्यादातर या हमेशा ही उन्हीं क्रेडेंशियल का दोबारा इस्तेमाल करते हैं, जो उन्होंने अन्य अकाउंट के लिए इस्तेमाल किया है। सर्वेक्षण में शामिल 35 से 49 आयु वाले भारतीय उत्तरदाताओं में से आधे हमेशा या ज्यादातर उन्हीं क्रेडेंशियल का दोबारा इस्तेमाल करते हैं, जो उन्होंने अन्य अकाउंट के लिए किया है।
सभी जनसां ियकी में आधे से अधिक भारतीय उत्तरदाताओं (57 प्रतिशत) ने कहा कि वे कोई ऑर्डर देने के लिए किसी भौतिक स्थान पर जाने या कॉल करने के बजाय डिजिटल रूप से ऑर्डर देना और भुगतान करना पसंद करेंगे, भले ही उन्हें वेबसाइट/ऐप की सुरक्षा या गोपनीयता के बारे में चिंता हो। किसी ऐप के इस्तेमाल से बचने के लिए सुरक्षा और गोपनीयता सबसे बड़े कारण रहे, लेकिन फिर भी अधिकांश लोगों ने इनमें से ही किसी का उपयोग करना पसंद किया।

First Published - June 15, 2021 | 7:54 PM IST

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