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ओमीक्रोन पर हरकत में सरकार

Last Updated- December 11, 2022 | 10:40 PM IST

कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच देश में टीकाकरण में तेजी लाने पर जोर दिया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार ओमीक्रोन संक्रमितों की संख्या बढ़कर 236 हो गई है, वहीं देश में कुल वयस्क आबादी के 60 फीसदी हिस्से को कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं। भारत सहित दुनिया भर में ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र ने राज्यों को रात का कफ्र्यू लगाने, एक जगह पर ज्यादा लोगों के जमा होने पर सख्त पाबंदी लगाने और जिन राज्यों में हाल के समय में चुनाव होने हैं, वहां टीकाकरण में तेजी लाने के लिए कहा है। केंद्र ने कहा कि सभी तरह की सावधानियां बरती जाएं और इसमें कोई ढिलाई न की जाए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य के स्वास्थ्य विभागों के साथ बैठक में कहा कि वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर मौजूदा राष्ट्रीय क्लीनिकल प्रबंधन प्रोटोकॉल में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। जांच के लिए आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन जांच का अनुपात दैनिक आधार पर कम से कम 60:40 होना चाहिए। हालांकि इस अनुपात को बढ़ाकर 70:30 किया जा सकता है। इसके साथ ही राज्यों को अस्पताल में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने, एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने और मरीजों को अस्पताल में सुगमता से भर्ती कराने के उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने कहा कि राज्यों को आवश्यक दवाओं का कम से कम 30 दिन का बफर स्टॉक रखना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘कई राज्यों ने कोविड केंद्रों को बंद कर दिया है लेकिन अब उन्हें फिर से तमाम तैयारियों के साथ पर्याप्त चिकित्सकों और एंबुलेंस आदि की व्यवस्था करने पर ध्यान देना चाहिए।’ स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों से कहा कि ओमीक्रोन के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह हैं लेकिन इसमें संक्रमण की दर काफी ज्यादा है। ऐसे में संक्रमण रोकने के लिए कंटेनमेंट के उपाय करने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की पाबंदी कम से कम 14 दिन की होनी चाहिए। राज्य के स्वास्थ्य सचिवों को स्थिति और तैयारियों की प्रगति पर नजर रखने को कहा गया है।

First Published - December 23, 2021 | 10:57 PM IST

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