इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस (IOC) के प्रमुख सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) ने चुनावी मौसम में नार्थ ईस्ट के लोग चीनी जैसे दिखते हैं और दक्षिण भारत के लोग अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं” वाले बयान से कांग्रेस (Congress) के लिए एक नया सर दर्द पैदा कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेताओं ने लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक बीच में कांग्रेस पार्टी को घेरने के लिए पित्रोदा के बयान का इस्तेमाल किया।
पित्रोदा ने दो सप्ताह पहले भी अमेरिकी इनहेरिटेंस टैक्स कानून पर अपने बयान से एक और राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था। बाद में पित्रोदा ने 24 अप्रैल को सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को मूल मुद्दों से ‘ध्यान भटकाने’ के लिए तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था।
पित्रोदा को एक इंटरव्यू में देश में अमेरिकी की तरह विरासत टैक्स कानून (Inheritance tax law) की वकालत करते हुए सुना गया था, जबकि कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि उनके विचार हमेशा पार्टी की स्थिति को दर्शाते हैं।
क्या होता है विरासत टैक्स कानून ?
विरासत टैक्स का मतलब है कि यदि आपको विरासत के रूप कोई संपत्ति मिलती है तो उस पर सरकार की तरफ से टैक्स लगाया जाता है। अमेरिका में केंद्रीय स्तर पर विरासत टैक्स कानून लागू नहीं है, हालांकि कुछ राज्यों में यह लागू है।
अब सैम पित्रोदा ने क्या कहा?
हाल ही में एक इंटरव्यू में पित्रोदा ने भारत को विविधताओं वाला देश बताते हुए कहा, ”हम 75 वर्षों से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं और लोग यहां-वहां के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं। भारत एक विविधतापूर्ण वाला देश है ”जहां नार्थईस्ट के लोग चीनी जैसे, पश्चिम के लोग अरब जैसे, उत्तर भारत के लोग गोरे और दक्षिण भारत के लोग अफ़्रीकी जैसे दिखते हैं।”
हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले पित्रोदा ने कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा किया है। उनके पिछले कई बयानों ने भी राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था।
इनहेरिटेंस टैक्स लॉ
पित्रोदा ने पिछले महीने एक इंटरव्यू में अमेरिका में प्रचलित विरासत या इनहेरिटेंस टैक्स (Inheritance Tax) की अवधारणा के बारे में विस्तार से बताते हुए देश में विरासत टैक्स कानून लगाने की बात की थी।
यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कांग्रेस पर लोगों की संपत्ति को “अधिक बच्चों वाले लोगों” के बीच बांटने की योजना बनाने का आरोप लगाया था।
1984 के सिख विरोधी दंगों पर ‘हुआ तो हुआ’
मई 2019 में जब पित्रोदा से 1984 के सिख विरोधी दंगों पर सवाल किया गया, तो उन्होंने दंगों में पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की कथित संलिप्तता पर एक सवाल का “तो क्या हुआ” जवाब देकर हंगामा खड़ा कर दिया था।
उन्होंने कहा था, ”अब क्या है ’84 का? आपने 5 साल में क्या किया, उसकी बात करें। 84 में हुआ तो हुआ। आपको नौकरियां देने के लिए वोट दिया गया था। आपको 200 स्मार्ट शहर बनाने के लिए वोट दिया गया था। आपने वो भी नहीं किया। आपने कुछ नहीं किया इसलिए आप यहां वहां गप लगाते हैं।”
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान की गई टिप्पणियों ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन टिप्पणियों को राहुल गांधी से जोड़ दिया था। राहुल गांधी ने टिप्पणियों की निंदा की और कहा कि पित्रोदा को माफी मांगनी चाहिए।
पुलवामा हमले पर ‘हर समय होता रहता है’
फरवरी 2019 में, पित्रोदा ने पुलवामा हमलों के बाद भारतीय वायु सेना द्वारा बालाकोट हवाई हमलों की सत्यता पर सवाल उठाया था। पित्रोदा ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की भी वकालत की थी और कहा था कि किसी हमले के लिए पड़ोसी देश के सभी नागरिकों को दोषी ठहराना गलत है।
उन्होंने कहा था कि “आठ लोग (26/11 आतंकवादी) आते हैं और कुछ करते हैं, आप पूरे देश (पाकिस्तान) पर नहीं कूद पड़ते। यह मान लेना मूर्खतापूर्ण है कि सिर्फ इसलिए कि कुछ लोगों ने यहां आकर हमला कर दिया, उस देश के प्रत्येक नागरिक को दोषी ठहराया जाएगा। मैं उस तरह से विश्वास नहीं करता।”
मंदिर से नौकरियां पैदा नहीं होतीं…राम मंदिर को लेकर
पित्रोदा ने जून 2023 में फिर से विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने कहा कि मंदिर भारत की बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्याओं का समाधान नहीं करेंगे।
पित्रोदा ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में कहा, “कोई भी इन चीजों के बारे में बात नहीं करता है। लेकिन हर कोई राम, हनुमान और मंदिर के बारे में बात करता है। मैंने कहा है कि मंदिरों से नौकरियां पैदा नहीं होने वाली हैं।” इस मौके पर राहुल गांधी भी मौजूद थे।