दिल्ली पुलिस ने किसान नेता राकेश टिकैत और 36 अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और करीब 200 लोगों को हिरासत में लिया है। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों के एक धड़े ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विभिन्न जगहों पर और विशेष रूप से लाल किले पर हिंसा फैलाई थी।
पुलिस ने 25 एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें योगेंद्र यादव, दर्शन पाल और गुरनाम सिंह चढूनी का नाम शामिल है। अधिकारियों ने आज कहा कि प्राथमिकी आईपीसी की कई धाराओं में दर्ज की गई हैं, जिनमें 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगों के लिए सजा), 353 (किसी व्यक्ति द्वारा एक लोक सेवक या सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकना) और 120बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं।
पुलिस ने कहा कि इन नेताओं की भूमिका की जांच की जाएगी। किसानों ने तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर टै्रक्टर परेड निकाली थी। हालांकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरीकेड तोड़ दिए, पुलिस वालों के साथ हाथापाई की, वाहन पलट दिए और लाल किले पर एक धार्मिक झंडा फहराया। अधिकारियों ने कहा कि इस हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सुरक्षा के हालात और शहर में शांति सुनिश्चित करने के उपायों का जायजा लिया। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने आज लाल किले का दौरा किया और किसानों के एक धड़े द्वारा पहुंचाए गए नुकसान का जायजा लिया। मंत्री ने इस घटना की रिपोर्ट मांगी है। टिकैत ने कहा कि किसी किसान नेता के खिलाफ एफआईआर देश के किसानों के खिलाफ एफआईआर है।
उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार से इन कृषि कानूनों को रद्द करने की अपील की, जिन्हें उन्होंने कृषि विरोधी कानून बताया है। आरएसएस से संबद्ध भारतीय किसान संघ ने हिंसा की आलोचना की और खुद को नेताविहीन और हिंसक आंदोलन से दूर कर लिया।
प्रदर्शनकारी किसान संगठन गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के मद्देनजर, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 1 फरवरी को संसद तक प्रस्तावित पैदल मार्च को स्थगित कर दिया है। एक अन्य घटनाक्रम के तहत दो किसान संगठन- भारतीय किसान यूनियन (भानु) और ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन से हट गए हैं।
हालांकि एसकेएम ने आरोप लगाया कि अभिनेता दीप सिद्धू जैसे असामाजिक तत्वों ने उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को षडयंत्र में बदलने की कोशिश की है। इंडियन नैशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय सिंह चौटाला ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा विधानसभा की सदस्यता से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। इस बीच, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने स्पष्ट किया कि सरकार ने यह कभी नहीं कहा कि बातचीत के दरवाजे बंद हो गए हैं।