facebookmetapixel
2025 में निवेशकों को लगे बड़े झटके, सोना चमका तो मिडकैप-स्मॉलकैप फिसले; 2026 में इससे बचना जरूरी!Year Ender 2025: SIP निवेश ने तोड़ा रिकॉर्ड, पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारMidcap Funds Outlook 2026: रिटर्न घटा, जोखिम बढ़ा; अब मिडकैप फंड्स में निवेश कितना सही?Share Market: लगातार 5वें दिन बाजार में गिरावट, सेंसेक्स-निफ्टी दबाव मेंYear Ender: 42 नए प्रोजेक्ट से रेलवे ने सबसे दुर्गम इलाकों को देश से जोड़ा, चलाई रिकॉर्ड 43,000 स्पेशल ट्रेनें2026 में भारत-पाकिस्तान में फिर होगी झड़प? अमेरिकी थिंक टैंक का दावा: आतंकी गतिविधि बनेगी वजहपर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिशों के बावजूद भारत में पर्यटन से होने वाली कमाई इतनी कम क्यों है?क्या IPOs में सचमुच तेजी थी? 2025 में हर 4 में से 1 इश्यू में म्युचुअल फंड्स ने लगाया पैसानया साल, नए नियम: 1 जनवरी से बदल जाएंगे ये कुछ जरूरी नियम, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा!पोर्टफोलियो में हरा रंग भरा ये Paint Stock! मोतीलाल ओसवाल ने कहा – डिमांड में रिकवरी से मिलेगा फायदा, खरीदें

महाराष्ट्र राज्य डेटा नीति और राज्य डेटा प्राधिकरण की स्थापना

विभिन्न सरकारी विभागों, अनुसंधान संस्थानों, शैक्षिक संगठनों और निजी कंपनियों के डेटा को एकीकृत किया जाएगा।

Last Updated- February 26, 2025 | 6:21 PM IST
data centre
प्रतीकात्मक तस्वीर

महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र राज्य डेटा नीति (Maharashtra State Data Policy) को मंजूरी दी और इस नीति के कार्यान्वयन के लिए राज्य डेटा प्राधिकरण की स्थापना को स्वीकृति दी। यह प्राधिकरण महाराष्ट्र इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (MITRA) के तहत कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डेटा नीति को मंजूरी की एक्स पर जानकारी दी है कि जिसके तहत एक समर्पित राज्य डेटा प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी। यह प्राधिकरण महाराष्ट्र परिवर्तन संस्थान  का एक अभिन्न अंग होगा जिसका नेतृत्व मुख्य डेटा अधिकारी करेंगे। इससे राज्य डेटा नीति के कार्यान्वयन से सभी विभागों की सांख्यिकीय जानकारी अधिक सटीक और सुसंगत हो जाएगी। सरकार के विभिन्न विभागों में डिजिटलाइजेशन बढ़ने के कारण, बड़ी मात्रा में डेटा संग्रहीत किया जाता है। इस नीति का उद्देश्य इस डेटा का पारदर्शी और प्रभावी उपयोग करके प्रशासनिक कार्यों की गति बढ़ाना और परियोजनाओं को सुचारू रूप से लागू करना है।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता राज्य मंत्रिमंडल में हुई बैठक की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बता कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों (नगरी सुविधा कर्मचारी) जैसे कि आंगनवाड़ी सेवक और कृषि सहायकों पर डेटा संग्रह का बोझ कम करेगा, जिन्हें अक्सर मैन्युअल रूप से डेटा एकत्र करने में महत्वपूर्ण समय गंवाना पड़ता है। इससे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली और अन्य सरकारी कार्यक्रमों से आधार-लिंक्ड डेटा सहित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठाकर, जानकारी को सहजता से एकत्र किया जाएगा।

यह परिवर्तन फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को विश्वसनीय डेटा संग्रह सुनिश्चित करते हुए अपनी मुख्य जिम्मेदारियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देगा। इस पहल के लिए वित्तीय सहायता विश्व बैंक द्वारा सहायता प्राप्त महास्ट्राइड परियोजना के माध्यम से प्रदान की जाएगी।

नीति की मुख्य विशेषताएं:

विभिन्न सरकारी विभागों, अनुसंधान संस्थानों, शैक्षिक संगठनों और निजी कंपनियों के डेटा को एकीकृत किया जाएगा। विभागों के बीच सार्वजनिक उपयोग और प्रशासनिक कार्यों के लिए डेटा साझा करने के नियम बनाए जाएंगे। सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं के डिजिटल डेटा संग्रहण के लिए डीबीटी प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। Maha Stride परियोजना, जिसे विश्व बैंक द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त है, इस नीति के क्रियान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाएगी।

First Published - February 26, 2025 | 6:21 PM IST

संबंधित पोस्ट