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लॉकडाउन में बढ़ी डेटिंग ऐप की मांग

Last Updated- December 15, 2022 | 5:12 AM IST

देश में डिजिटल भुगतान पर पडऩे वाले असर के संबंध में फिनटेक कंपनी रेजरपे की रिपोर्ट – कोविड काल के 101 दिन के अनुसार घरों में बंद लोगों ने साथी की खोज के लिए डेटिंग ऐप की ओर रुख किया है। सामाजिक अलगाव की वजह से मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ संपर्क के लिए ऑनलाइन परामर्श प्लेटफार्मों में भी वृद्धि हुई है। रेजरपे द्वारा एकत्रित किए गए डिजिटल भुगतान के आंकड़ों के अनुसार सामाजिक जुड़ाव वाले क्षेत्र, जिसमें व्यक्तिगत परामर्श, डेटिंग और शादी-विवाह संबंधी वेबसाइट शामिल रहती हैं, में 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले 30 दिनों के दौरान डिजिटल भुगतान के लेनदेन में 23 प्रतिशत तक का सुधार हुआ है। पिछले 101 दिनों के लॉकडाउन के दौरान कुल डिजिटल लेनदेन में 12 प्रतिशत तक की गिरावट आई है, जबकि लॉकडाउन के पहले 30 दिनों में 30 प्रतिशत की गिरावट आई थी। रेजरपे के मुख्य कार्याधिकारी और सह-संस्थापक हर्षिल माथुर ने कहा कि यह डिजिटल अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार का संकेत है। उन्होंने कहा कि मध्य और छोटे शहरों में डिजिटल भुगतानों की बढ़ती मांग को देखने के बाद मेरा मानना ​​है कि कोविड-19 ने निश्चित रूप से नकदी को हटाने के लिए प्रेरित किया है जो नोटबंदी भी नहीं कर सकी थी, क्योंकि अब भारतीय लोग सेवाओं के लिए नकदी रहित भुगतान करने में अधिक सहज हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 विभिन्न क्षेत्रों को डिजिटलीकरण करने के लिए विवश कर रहा है, क्योंकि कारोबार को लंबे समय तक बंद नहीं किया जा सकता है और कम से कम अगले 12 महीनों तक सामाजिक दूरी भी बनी रहेगी।
लॉकडाउन के 101 दिन (24 मार्च से 2 जुलाई) के दौरान कोविड-19 से स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीयों ने घरों के अंदर रहने का विकल्प चुना और बिलों का ऑनलाइन भुगतान किया। इससे यूटिलिटी क्षेत्र (बिल भुगतान) में 163 प्रतिशत का इजाफा हुआ। लॉकडाउन में विस्तार के कारण ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की मांग में भारी इजाफा होने से ऑनलाइन शिक्षा क्षेत्र में 23 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसके अलावा चिकित्सा सेवाओं में भी तेजी आ रही है क्योंकि ऑनलाइन परामर्श और खरीद में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। लॉकडाउन के दौरान डिजिटल भुगतान में सबसे अधिक योगदान कर्नाटक (23 प्रतिशत), महाराष्ट्र (17 प्रतिशत) और तेलंगाना (11 प्रतिशत) में दिखाई दिया है। गुजरात, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में क्रमश: 35 प्रतिशत, 32 प्रतिशत और दो प्रतिशत तक की कमी आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के पिछले 30 दिन (3 जून से 2 जुलाई) के दौरान परिवारों की आय पर दबाव के कारण उपभोक्ताओं के भुगतान संबंधी व्यवहार में बदलाव आया है। पेलेटर, कार्डलेस-ईएमआई और ईएमआई क्रमश: 290 प्रतिशत, 178 प्रतिशत और 125 प्रतिशत इजाफ के साथ पसंदीदा तरीके बन गए हैं। भुगतान के तरीकों के मामले में यूपीआई पसंदीदा रहा और इसमें 43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि कार्ड से भुगतान में 40 फीसदी और नेट बैंकिंग में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा लॉकडाउन के पहले 30 दिनों के दौरान आपूर्ति शृंखला में अंतर रहने के कारण लॉजिस्टिक क्षेत्र के लेनदेन में 96 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। यात्रा क्षेत्र में 87 फीसदी, रियल एस्टेट में 83 फीसदी, खानपान में 68 फीसदी और किराना में 54 फीसदी तक की गिरावट आई है। चूंकि लोग घरों के अंदर ही रहे, इसलिए यूटिलिटी, सूचना प्रौद्योगिकी एवं सॉफ्टवेयर तथा मीडिया एवं मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में क्रमश: 73 प्रतिशत, 32 प्रतिशत और 25 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

First Published - July 6, 2020 | 11:05 PM IST

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