केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने फेसलेस आकलन इकाइयों को व्यवस्थित और समयबद्ध तरीके से आकलन पूरा करने का प्रावधान करने के लिए कहा है।इसके अलावा इसने कर अधिकारियों को चालू वित्त वर्ष (वर्ष 2022-23) की पहली छमाही में पुन: आकलन, जुर्माना कार्यवाही और रिफंड के मामलों को ‘प्राथमिकता’ पर रखने का भी निर्देश दिया है।
आयकर मामलों में निर्णय लेने वाले इस शीर्ष निकाय द्वारा हाल ही में जारी की गई एक कार्य योजना में कहा गया है कि कम से कम 30 प्रतिशत फेसलेस आकलन और जुर्माना कार्यवाही का निपटारा जून के अंत तक कर दिया जाना चाहिए। इन्हें पूरा करने की समयसीमा 30 सितंबर को खत्म हो रही है। फेसलेस आकलन इकाइयां मसलों की पहचान करती है, जानकारी मांगती है और आकलन करने के लिए सामग्री का विश्लेषण करती हैं। एक कर अधिकारी ने कहा कि सीबीडीटी का हालिया निर्देश आयकर कारोबार आवेदन में उन कुछ संशोधनों के अनुरूप है, जो महीने के अंत से लागू होने की उम्मीद है।
ये ऐसे तकनीकी परिवर्तन हैं, जो आकलन करते समय उत्पन्न होने वाली विसंगतियों, विशेष रूप से क्षेत्रीय मसलों को दूर करने में प्रणाली को सक्षम करेंगे। उदाहरण के लिए यह उन्नत प्रणाली उन कुछ क्षेत्रीय बाधाओं से निपटेगी, जिनका सामना विभाग ने फेसलेस आकलन के दौरान किया था।
इन बदलावों में वर्ष 2020 में नई व्यवस्था लागू किए जाने के बाद से विसंगतियों के संबंध में करदाताओं द्वारा उठाई गई चिंताओं पर ध्यान दिया गया है। कुछ करदाताओं ने इन योजना के खिलाफ कानूनी रास्ता भी अपनाया था। हालांकि नई व्यवस्था का उद्देश्य तीव्र समाधान करना है, लेकिन उनमें से कई को देरी और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
पहले चरण में फेसलेस आकलन के लिए करीब 60,000 मामले चिह्नित किए गए थे, जिनमें से 24,000 करोड़ से अधिक मामलों में अंतिम आदेश पारित किए गए हैं। लंबित मामलों को संशोधित प्रणालियों द्वारा निपटाया जाएगा।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ऐसे ज्यादातर मामले जिन्हें सितंबर के अंत तक निपटाने के लिए कहा गया था, वे पिछले साल के हैं। फेसलेस के तहत जांच का नया या अगला चक्र अभी नहीं चलाया गया है।
यह कवायद कर प्रशासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए आकलन करने वाले किसी अधिकारी और करदाता के बीच संपर्क खत्म करने के लिए वर्ष 2020 में शुरू की गई फेसलेस कर आकलन प्रणाली का हिस्सा है।
