कनाडा का पेशन फंड, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड (एनआईआईएफ) उन निवेशकों में शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा पेश किए गए इन्फ्रास्ट्रक्टर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) में दिलचस्पी दिखाई है। धन जुटाने के लिए प्राधिकरण इनविट की यूनिट्स पेश कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक दो दर्जन वैश्विक व घरेलू निवेशकों ने पिछले सप्ताह हुई बैठक के दौरान इनविट में दिलचस्पी दिखाई थी। यह पहला इनविट है, जो केंद्र सरकार की ओर से प्रायोजित होगा। निवेश प्रबंधक कंपनी नैशनल हाइवेज इन्फ्रा इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया गया है। आईडीबीआई के सेवानिवृत्त चेयरमैन बी श्रीराम और भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक इस कंपनी के चेयरमैन हैं, जबकि मैक्वैरी ग्रुप में रह चुके सुरेश गोयल इसके प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी हैं। एनएचएआई के सदस्य (वित्त) बोर्ड में प्रवर्तक की ओर से नामित होंगे।
केंद्र सरकार ने सितंबर में पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन को इनविट गठित करने को मंजूरी दे दी थी, जिससे शुल्क आधारित बोली के माध्यम से बिजली पारेषण लाइनों का मुद्रीकरण किया जा सके।
मार्च के अंत तक एनएचएआई ने 5000 से 6000 करोड़ रुपये की कम से कम दो-तीन परियोजनाएं इनविट के तहत रखने की योजना बनाई है। इस माध्यम से धन जुटाने के लिए एनएचएआई ने 35,000 करोड़ रुपये की करीब 19 परियोजनाएं चिह्नित की हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर मॉडल की तुलना में इनविट ज्यादा कर लाभ देता है और इसलिए निवेशक इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं।’
इनविट म्युचुअल फंडों की तरह काम करता है, जिसमें संभावित व्यक्तियों या संस्थागत निवेशकोंं द्वारा बुनियादी ढांचे में छोटी राशि का निवेश किया जा सकता है, जिससे मुनाफे के रूप में कुछ आमदनी हो सके।
इस तरह के मॉडल में संपत्तिया इनविट में रखी जाती हैं, जहां निवेशक धन लगाते हैं और ऐसी संपत्ति से सृजित धन का वितरण लाभांश के रूप में होता है।
यह इनविट एनएचएआई का दूसरा संपत्ति मुद्रीकरण मॉडल है। इसके पहले टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) के तहत परियोजनाएं रकी गई थीं। मैक्वैरी और अशोका बिल्डकॉन के संयुक्त उद्यम ने 2018 में टीओटी परियोजनाओं का पहली किस्त हासिल की थी, जिसके लिए उन्होंने 9 राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों के एवज में 9,680 करोड़ रुपये अपफ्रंट शुल्क का भुगतान किया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2019 में एनएचएआई को इनविट स्थापित करने की अनुमति दी थी। इसने इंडियन ट्रस्ट ऐक्ट 1992 और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट) नियम 2014 के अनुपालन के साथ एक ट्रस्ट गठित करने को मंजूरी दी।