दिनों-दिन कच्चे माल की बढ़ती कीमतों की वजह से अब कार कंपनियों के लिए कार की कीमतें बढ़ाना अब मजबूरी बनता जा रहा है।
लिहाजा ऐसे आसार बन चुके हैं कि कार निर्माता इस जून-जुलाई में कीमतें बढ़ा दें। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि करने के लिए कोई तैयार नहीं है लेकिन कंपनियों के शीर्ष अधिकारी कहते हैं कि इसमें करीब 3 से 5 फीसदी का इजाफा किया जाएगा।आने वाले दिनों में कार कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर बिजनेस स्टैंडर्ड ने जितने भी कार निर्माताओं से बातचीत की, वे सभी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि कार की कीमतों में इजाफा होगा।
इसी महीने की शुरुआत में उत्पाद शुल्क में 16 से 12 फीसदी कटौती किए जाने के बाद कार कंपनियों ने कार की कीमतों (खासकर छोटी कारों पर) में कटौती की थी।बीते साल दिसंबर महीने से ही कार निर्माण में इस्तेमाल किया जाने वाला कच्चा माल उदाहरण के लिए स्टील, अयस्क, कच्चा तेल, कॉपर, एल्युमिनियम आदि की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे माल की कीमतों के आसमान छूने से मौजूदा तिमाही में कार निर्माताओं के मुनाफे में भारी कमी भी आ गई है।आंकड़ों के मुताबिक, एलॉय स्टील की कीमत 8 से 12 फीसदी बढ़कर 7,000 प्रति टन हो गई है। जबकि एल्यूमिनियम की कीमत 18 फीसदी से बढ़कर 2,842 डॉलर प्रति टन (113,680 रुपये) हो चुकी है।
इसके अलावा कॉपर 31 फीसदी रिकॉर्ड उछाल के साथ 8,890 डॉलर प्रति टन (355,600 रुपये) तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्टील की कीमत में 10 फीसदी की बढ़ोतरी से कार की कुल कीमत में लगभग 2 फीसदी का इजाफा हो सकता है।मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के एम और सीईओ शिंजो नाकानिशी ने बताया,”निस्संदेह कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी से मुश्किलें पैदा हो रही है।
फिलहाल हमने कार की कीमत में बढ़ोतरी करने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है क्योंकि हमने कुछ हफ्ते पहले ही कार कीमतों में कटौती की है। लेकिन कच्चे माल की कीमतों में इसी तरह इजाफा होता रहा तो कुछ कहा नहीं जा सकता है।
”बकौल नाकानिशी- फिलहाल हमें यह देखना होगा कि कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी से हम पर कितना दबाव पड़ता है। नाकानिशी ने बताया,”अगर हम बेवजह कार की कीमतों में बढ़ोतरी करते हैं तो इससे हमारे प्रतिद्वंद्वी को ही फायदा होगा।”
कमोबेश यही राय अमेरिकी कार कंपनी जनरल मोटर्स की भी है। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा,”फिलहाल हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और परिस्थिति के अनुरूप ही हम फैसला लेंगे।”
बहरहाल, कार की कीमत में ठीक-ठीक कितना इजाफा हो सकता है, यह आकलन करना बेहद मुश्किल है।लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कार की कीमतों में 5 से 8 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। गौरतलब है कि देश में तकरीबन 15 कंपनियां कार के 60 विभिन्न मॉडलों का निर्माण करती हैं।