भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आईआरएसडीसी) देश भर में 90 स्टेशनों का आधुनिकीकरण करने पर विचार कर रहा है और इसके अलावा यह 60 स्टेशनों पर काम कर रहा है जहां वह सुविधा प्रबंधन के लिए निजी भागीदारों को जोडऩे में दिलचस्पी दिखा रहा है। हबीबगंज और गांधीनगर रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण का काम पूरा हो चुका है और यात्रियों के लिए नई सुविधाएं भी शुरू कर दी गई हैं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए आईआरएसडीसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) संजीव कुमार लोहिया ने कहा, ‘हबीबगंज और गांधीनगर स्टेशन पर नई सुविधाओं का परिचालन जारी है और ये यात्रियों के लिए उपलब्ध हैं। यहां काम पूरा हो गया है और इसे जल्द ही राष्ट्र को समर्पित किए जाने की संभावना है।’
आईआरएसडीसी द्वारा एक अन्य स्टेशन नई दिल्ली के बिजवासन में तैयार किया जा रहा है। यहां कोविड-19 महामारी की वजह से काम की रफ्तार धीमी हो गई। लोहिया ने कहा, ‘बिजवासन स्टेशन के लिए इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड के लिए परियोजना का काम दिया गया। महामारी की वजह से कुछ देरी हुई है। काम शुरू हो गया था लेकिन इसे रोकना पड़ा।’ आईआरएसडीसी एक विशेष प्रयोजन वाली संस्था है जो पूरे स्टेशन विकास कार्यक्रम की नोडल एजेंसी है। इसे योजनाओं को मंजूरी देने के लिए जोनल रेलवे का दर्जा दिया गया है। आईआरएसडीसी को सौंपे गए 60 स्टेशनों की निविदा विभिन्न चरणों में हैं। लोहिया के अनुसार, आईआरएसडीसी चाहता है कि स्टेशन के पुनर्विकास के लिए और स्टेशन हों। उन्होंने कहा, ‘हम सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) के जरिये स्टैंडअलोन सुविधा प्रबंधन के लिए 90 और स्टेशनों पर काम कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इन्हें रेलवे बोर्ड द्वारा आईआरएसडीसी को सौंपा जाएगा और हम कम लागत, उच्च प्रभाव वाली सेवाओं और यात्री सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। आईआरएसडीसी के भीतर एक नया स्टैंडअलोन सुविधा प्रबंधन विभाग भी चालू है।’
पुणे, सिकंदराबाद, बेंगलूरु, आनंद विहार और चंडीगढ़ में रेलवे स्टेशनों का संचालन और प्रबंधन आईआरएसडीसी द्वारा किया जा रहा है। वहां दी जाने वाली यात्री सुविधाओं में दवा दोस्त कियोस्क के माध्यम से जेनेरिक दवाओं का प्रचार-प्रसार किया जाता है। लोहिया ने कहा, ‘इसका एक और बेहतर संस्करण सिकंदराबाद स्टेशन पर शुरू किया गया है जहां एक डॉक्टर भी हैं। कियोस्क पर बहुत मामूली शुल्क के साथ स्वास्थ्य जांच की जा सकती है। स्टेशनों पर फिट इंडिया स्क्वैट मशीन और मोबाइल चार्जिंग लॉकर भी चालू हैं।’
अमेरिकी फूड कोर्ट ब्रांड एचएमएस को भी इसमें उतारा गया है। इन स्टेशनों के परिचालन में बदलाव की ओर इशारा करते हुए लोहिया ने कहा, ‘हमने नियमित सफाई से लेकर स्टेशन परिसर की लक्षित सफाई तक प्रगति की है। भविष्य में, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल यात्रियों की तादाद और संबंधित सुविधाओं को बढ़ाने का आकलन करने के लिए भी किया जाएगा।’
