प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दावा किया कि कोविड-19 के खिलाफ भारत पूरी ताकत के साथ जंग लड़ रहा है। आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 77वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जहां कोरोनावायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है, वहीं हाल के दिनों में उसे विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ा है और उसने सामूहिक शक्ति से उसका भी डटकर मुकाबला किया।
कोविड-19 की दूसरी लहर में संक्रमण के तेजी से बढ़े मामलों के बाद देश के कई राज्यों और अस्पतालों में तेज हुई ऑक्सीजन की मांग का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि अचानक से कई गुना मांग बढ़ जाने की वजह से देश के दूर-सुदूर हिस्सों तक ऑक्सीजन पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा, ‘सामान्य दिनों में हमारे यहां एक दिन में 900 टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन होता था लेकिन अब यह 10 गुना से भी ज्यादा बढ़कर, करीब-करीब 9,500 टन प्रतिदिन उत्पादित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की शुरुआत में देश में कोरोनावायरस संक्रमण की जांच के लिए केवल एक ही प्रयोगशाला थी जो आज बढ़कर 2,500 से ज्यादा हो गई हैं। उन्होंने कहा, ‘शुरू में कुछ सौ जांच एक दिन में हो पाती थीं अब एक दिन में 20 लाख से ज्यादा जांच होने लगी हैं। अब तक देश में 33 करोड़ से ज्यादा नमूनों की जांच की जा चुकी है।’
मोदी ने कहा, ‘पिछले 10 दिनों में ही देश ने फिर दो बड़े चक्रवात का सामना किया। पश्चिमी तट पर चक्रवात ताउते और पूर्वी तट पर चक्रवात यास आया। इन दोनों चक्रवात ने कई राज्यों को प्रभावित किया। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी। विपदा की इस कठिन और असाधारण परिस्थिति का साहस, धैर्य और अनुशासन के साथ मुकाबला करने के लिए उन्होंने चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों की जमकर सराहना की।’ उन्होंने कहा, ‘केंद्र्र, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी एक साथ मिलकर इस आपदा का सामना करने में जुटे हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इस महामारी में भी किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया तो सरकार ने रिकॉर्ड फसल खरीदी भी की है। इस बार कई जगहों पर तो सरसों के लिए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी ज्यादा भाव मिला है।’ उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड खाद्यान्न-उत्पादन की वजह से ही आज इस संकट काल में 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि देश के किसान कई क्षेत्रों में नई व्यवस्थाओं का लाभ उठाकर कमाल कर रहे हैं।
उन्होंने त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के किसानों द्वारा कटहल की पैदावार का जिक्र किया और कहा कि इस बार यहां के कटहल लंदन भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही बिहार की शाही लीची भी हवाई-मार्ग से लंदन भेजी गई है। पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण हमारा देश ऐसे ही अनूठे स्वाद और उत्पादों से भरा पड़ा है। किसान-रेल अब तक करीब दो लाख टन फसलों की पैदावार की ढुलाई कर चुकी है। अब किसान बहुत कम लागत पर फल, सब्जियां, अनाज, देश के दूसरे सुदूर हिस्सों में भेज पा रहा है।