अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ रही भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन के बाद अब अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन की Georgetown University में पोस्ट-डॉक्टोरेल फेलो बदर खान सूरी भी अमेरिका से निर्वासित (deport) हो सकते हैं।
अमेरिकी मीडिया के अनुसार अमेरिका में संघीय आव्रजन अधिकारियों ने एक भारतीय शोधार्थी को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिया गया भारतीय, बदर खान सूरी, वाशिंगटन स्थित ‘जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी’ के ‘एडमंड ए वाल्श स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस’ में ‘अलवलीद बिन तलाल सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिस्चियन अंडरस्टैंडिंग’ में शोधार्थी है। वह दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया का पूर्व छात्र है।
डिजिटल अखबार ‘पॉलिटिको’ की एक खबर में बताया गया कि ‘‘अमेरिकी विदेश नीति का विरोध करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई के बीच, संघीय आव्रजन अधिकारियों ने सूरी को हिरासत में लिया है’’ जो छात्र वीजा पर पढ़ाई और अध्यापन कर रहा है। खबर में बताया गया कि ‘‘नकाब पहने एजेंटों’’ ने सोमवार रात वर्जीनिया में सूरी को उसके घर के बाहर से हिरासत में लिया।
सूरी के वकील हसन अहमद द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि उन्हें वर्जीनिया में एक सुविधा में ले जाया गया और ‘‘उन्हें जल्द ही टेक्सास के एक हिरासत केंद्र में स्थानांतरित किया जा सकता है।’’ ‘पॉलिटिको’ की खबर में बताया गया कि सूरी के वकील ने उनकी तत्काल रिहाई के लिए याचिका दायर की है।
बदर खान सूरी के वकील ने दावा किया कि सूरी को सिर्फ इसीलिए दंडित किया जा रहा है क्योंकि ‘‘उनकी पत्नी का ताल्लुक फलस्तीन से रहा है और सरकार को संदेह है कि सूरी तथा उनकी पत्नी इजराइल के प्रति अमेरिकी विदेश नीति का विरोध करते हैं।’’ सूरी की पत्नी अमेरिकी नागरिक है।
खबर के अनुसार याचिका में कहा गया है, ‘‘एजेंटों ने खुद को आंतरिक सुरक्षा विभाग से जुड़ा बताया और सूरी को बताया गया कि सरकार ने उनका वीजा रद्द कर दिया है।’’
खबर में यह भी बताया कि सूरी की याचिका के अनुसार, उसे ‘‘आव्रजन कानून के उसी दुर्लभ प्रावधान के तहत निर्वासन कार्रवाई’’ के दायरे में लाया गया है, जिसका इस्तेमाल सरकार ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्नातक और ‘ग्रीन कार्ड’ धारक महमूद खलील को निर्वासित करने के लिए किया था। खलील को कोलंबिया विश्वविद्यालय के परिसर में इजराइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
वही Dipartment of Homeland Security के मुताबिक रंजनी को F-1 स्टूडेंट वीजा के तहत कोलंबिया यूनिवर्सिटी के अर्बन प्लानिंग में PhD करने के लिए एडमिशन मिला था। अमेरिकी विदेश विभाग ने 5 मार्च को उनका वीजा निरस्त कर दिया था। इसके बाद रंजनी ने 11 मार्च को अमेरिका छोड़ दिया। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने आरोप लगाया है कि श्रीनिवासन ‘हिंसा-आतंकवाद को बढ़ावा देने’ और हमास का समर्थन करने वाली गतिविधियों में शामिल थीं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)