अमेरिकी अर्थव्यवस्था में इस वर्ष की दूसरी तिमाही में गिरावट जारी रहने की आशंका है पर एक रिपोर्ट से यह बात सामने निकल कर आई है कि फिलहाल मंदी की कोई स्थिति देश में पैदा नहीं हो रही है।
मंगलवार को जारी कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय की एंडर्सन फोरकास्ट रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष की दूसरी छमाही में धीरे धीरे हाउसिंग संकट में सुधार आएगा और इस तरह अगले वर्ष तक विकास दर पटरी पर लौटने की उम्मीद है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, ”अब तक के प्राप्त आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि फिलहाल तो आर्थिक मंदी की कोई तस्वीर नहीं बन रही है।
हालांकि हम इस सच्चाई को चुनौती नहीं देना चाहते कि पिछले दो सालों में देश में आर्थिक व्यवस्था चरमराई है।”
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले से ही जैसा अनुमान लगाया गया ठीक उसी के अनुरूप रोजगार के क्षेत्र में गिरावट देखने को मिली है और साथ ही हाउसिंग की समस्या भी गंभीर हुई है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि घरों की कीमतों में भी गिरावट देखी गई है जो आगे भी निरंतर इसी रफ्तार से बनी रह सकती है।
इसलिए यह तो कहा जा सकता है कि विकास दर धीमी रह सकती है, पर इससे यह कहीं से भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि अमेरिका आर्थिक मंदी की कगार पर है।
रिपोर्ट में इस बात के भी संकेत दिए गए हैं कि पिछले एक दो सालों में प्रति व्यक्ति निवेश में भी कमी देखने को मिली है, पर यह कहना कहीं से भी सही नहीं होगा कि उपभोक्ता में हाउसिंग संकट की वजह से हड़कंप मचा हुआ है।
रिपोर्ट में इस बात पर भी चिंता जताई गई है कि रोजगार के अवसरों में कमी के साथ साथ घरों की जब्ती से भी उपभोक्ताओं को परेशानी तो जरूर उठानी पड़ी है। रिपोर्ट के अनुसार, ”हालात इस बार बिल्कुल अलग हैं।
घरों की कीमतों में कमी की वजह से लोगों को लग रहा है कि उन्होंने जिस दर पर अपने घरों को खरीदा था अब उनका कोई मूल्य नहीं रह गया है। उन्हें लग रहा है कि उनके निवेश का कोई खास मूल्य नहीं रह गया है।
पर अब वे यह नहीं समझ रहे हैं कि उनकी नौकरियों से होने वाली आय अब भी पहले की ही भांति सुरक्षित है। जो स्थितियां खराब हैं वह तात्कालिक हैं और उनमें सुधार हो सकता है।”
विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि इस तिमाही में जीडीपी में 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
उम्मीद जताई गई है कि तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार होगा और विकास दर तीन फीसदी बनी रह सकती है। वहीं चौथी तिमाही में विकास दर 2.5 फीसदी रहने की उम्मीद है।
वहीं बेरोजगारी के आंकड़ों के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि चौथी तिमाही में यह दर बढ़कर 5.5 फीसदी तक पहुंच सकती है।