facebookmetapixel
चेन्नई में अगली पीढ़ी का इंजन बनाएगी फोर्ड, 2029 से शुरू होगा उत्पादनBFSI Insight Summit 2025: जिम्मेदार टेक्नोलॉजी, मजबूत बाजार और निवेश में संतुलन पर जोरगुणवत्ता से भरी वृद्धि के दौर में आ रहा ब्रोकिंग: शीर्ष अधिकारीनिचले स्तर पर भारतीय बाजार, बनाए रखें निवेश: मार्केट एक्सपर्ट्सइक्विटी सबसे दीर्घावधि ऐसेट क्लास, इसे दीर्घकालिक दृष्टिकोण की जरूरत : देसाईबाजार अब संतुलित दौर में, निवेशकों को जल्दबाजी से बचना चाहिए; BFSI समिट में बोले शीर्ष फंड मैनेजरडिजिटल लेनदेन से अगले दौर की वृद्धि, उद्योग के दिग्गजनिवेशकों की जागरूकता जरूरी: अनंत नारायणजिम्मेदारी संग तकनीक के इस्तेमाल पर बाजार नियामक का जोर: सेबी चीफअचानक बंद नहीं हो सकते डेरिवेटिव: सेबी चेयरमैन पांडेय

भारतीय मूल के काश पटेल को FBI का हेड बनाने का फैसला, जानिए उनका सफर और क्यों हैं यह फैसला चर्चा में

डॉनल्ड ट्रंप का भारतीय मूल के काश पटेल को FBI हेड बनाने का फैसला, बड़े बदलाव के संकेत

Last Updated- December 01, 2024 | 12:57 PM IST
Kash Patel

डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी काश पटेल को FBI का प्रमुख नियुक्त करने का ऐलान किया है। इस फैसले के जरिए ट्रंप ने अमेरिका की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी में बड़ा बदलाव लाने और अपने आलोचकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मंशा जाहिर की है। यह कदम ट्रंप की उस सोच को दर्शाता है कि सरकारी एजेंसियों में सुधार की आवश्यकता है। ट्रंप पहले भी अपने विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कर चुके हैं।

ट्रंप का काश पटेल पर भरोसा

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि काश पटेल ने “रूस षड्यंत्र” जैसे मामलों को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने पटेल को सच, जवाबदेही और संविधान का पक्षधर बताया। इस घोषणा के बाद मौजूदा FBI डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे को या तो इस्तीफा देना होगा या 20 जनवरी को ट्रंप के कार्यभार संभालने के बाद उन्हें हटा दिया जाएगा। क्रिस्टोफर रे को ट्रंप ने ही 2017 में FBI का डायरेक्टर नियुक्त किया था। उनका 10 साल का कार्यकाल राजनीति के असर से बचाने के लिए तय किया गया था।

रिपब्लिकन सीनेट की परीक्षा

यह कदम वॉशिंगटन के राजनीतिक हलकों में हलचल मचाने वाला है। अब यह देखना होगा कि ट्रंप के इस नामांकन को लेकर सीनेट रिपब्लिकन कितनी दूर तक उनका साथ देंगे।

ट्रंप का यह फैसला उनकी पहली प्रशासनिक पारी के दौरान हुई जांच और हालिया अभियोगों के खिलाफ उनकी नाराजगी को भी उजागर करता है। यह साफ है कि वह FBI और न्याय विभाग में ऐसे लोगों को नियुक्त करना चाहते हैं, जो उनके करीबी हों और उनकी नीतियों को समर्थन दें।

पटेल की विवादास्पद छवि

भारतीय प्रवासी परिवार से आने वाले काश पटेल ने न्याय विभाग में अभियोजक और हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के कर्मचारी के रूप में काम किया है। उन्होंने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच के दौरान “नून्स मेमो” तैयार किया, जिसने FBI पर सवाल खड़े किए। पटेल ने खुले तौर पर सरकारी एजेंसियों और मीडिया पर निशाना साधा है। उन्होंने पत्रकारों को “देशद्रोही” कहा और सरकारी सूचनाएं लीक करने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात कही।

FBI में बड़े बदलाव का वादा

पटेल ने FBI की मौजूदा व्यवस्था में व्यापक बदलाव की वकालत की है। उन्होंने कहा है कि वॉशिंगटन स्थित FBI मुख्यालय को बंद कर इसे “डीप स्टेट का म्यूजियम” बनाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने मीडिया पर मुकदमे आसान बनाने के लिए कानून में बदलाव की बात भी की है।

यह फैसला मौजूदा FBI डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे के लिए अच्छा नहीं है। ट्रंप ने 2017 में रे को नियुक्त किया था, लेकिन बाद में उनके रिश्ते खराब हो गए। खासकर 2022 में मार-ए-लागो में गोपनीय दस्तावेजों की तलाशी के बाद ट्रंप ने उनकी खुलकर आलोचना की।

काश पटेल की नियुक्ति के लिए सीनेट की मंजूरी जरूरी है। हालांकि रिपब्लिकन के बहुमत वाली सीनेट में पटेल को समर्थन मिल सकता है, लेकिन डेमोक्रेट्स इसका विरोध करेंगे।

अन्य नियुक्तियां

ट्रंप ने फ्लोरिडा के हिल्सबरो काउंटी के शेरिफ चाड क्रोनिस्टर को DEA (ड्रग एन्फोर्समेंट एजेंसी) का प्रमुख नियुक्त करने का भी ऐलान किया। यह नियुक्तियां ट्रंप की इस सोच को दर्शाती हैं कि वह अपने प्रशासन में केवल वफादार लोगों को रखना चाहते हैं, जो उनके एजेंडे का समर्थन करें और उनके आलोचकों के खिलाफ कड़े कदम उठाएं। (AP के इनपुट के साथ)

First Published - December 1, 2024 | 12:15 PM IST

संबंधित पोस्ट