facebookmetapixel
Stock Market Today: ट्रंप के बयान के बाद Gift Nifty में उछाल, कैसे रहेगी शेयर बाजार की चाल?Delhi Red Fort Blast: देशभर में हाई अलर्ट! यूपी-महाराष्ट्र-गुजरात में बढ़ी सुरक्षा, शाह बोले- हर एंगल से जांच जारी; UAPA के तहत मामला दर्जStocks To Watch Today: Vodafone, Tata Motors, Bajaj Finance समेत इन स्टॉक्स पर रहेगी निवेशकों की नजर; चेक करें लिस्टहाई स्ट्रीट में मॉल से भी तेज बढ़ा किराया, दुकानदार प्रीमियम लोकेशन के लिए दे रहे ज्यादा रकमत्योहारों में ऑनलाइन रिटर्न्स में तेजी, रिवर्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने 25% से ज्यादा वृद्धि दर्ज कीबिहार विधानसभा चुनाव में धनकुबेर उम्मीदवारों की बाढ़, दूसरे चरण में 43% प्रत्याशी करोड़पतिबिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को, नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की किस्मत दांव परफूड कंपनियों की कमाई में क्विक कॉमर्स का बढ़ा योगदान, हर तिमाही 50-100% की ग्रोथRed Fort Blast: लाल किले के पास कार में विस्फोट, 8 लोगों की मौत; PM मोदी ने जताया दुखपेरिस की आईटी कंपनी कैपजेमिनाई भारत में करेगी 58,000 भर्तियां, 3.3 अरब डॉलर में WNS का अधिग्रहण किया

भारत को केंद्र बनाने के लिए स्थिर नीति जरूरी : अघी

Last Updated- December 15, 2022 | 7:50 AM IST

वियतनाम, कंबोडिया और थाइलैंड के पक्ष में वैश्विक भू-राजनीतिक दबाव बढऩे से अमेरिकी कंपनियां चीन के इतर अपना नया ठौर बनाने की संभावनाएं तलाश रही हैं। उद्योग संगठन यूनाइटेड स्टेट्स- इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के सीईओ मुकेश अघी ने यह बात कही।
हालांकि फोरम इस बात की वकालत कर रहा है कि भारत न केवल एक तरजीही बाजार बल्कि एक निर्यात केंद्र भी है। इसलिए उसके कई सदस्यों ने नीतियों में अचानक बदलाव को लेकर चिंता जताई है क्योंकि इससे उनका वैश्विक निवेश प्रभावित होता है। अघी ने कहा कि कंपनियों को डर है कि नीतियों में अचानक बदलाव किए जाने से उनके दीर्घावधि निवेश को नुकसान होगा। उन्होंने हाल में चीन से आयातित खेप को सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा रोके जाने की घटना का हवाला दिया।
भारतीय बंदरगाहों पर चीन से आयातित वस्तुओं को अचानक रोके जाने के मुद्दे पर फोरम का कहना है कि इससे उन विदेशी निवेशकों को सख्त संकेत मिलेगा जिनकी नजर पारदर्शिता पर होती है। भारत में विनिर्माण केंद्र स्थापित करने वाली कई सदस्य कंपनियों ने सरकार से आग्रह किया है कि बंदरगाह संबंधी नीति में किसी भी बदलाव को प्रकाशित किया जाना चाहिए ताकि कारोबारी समुदाय को उसके अनुरूप अपने कारोबार के संचालन में मदद मिल सके।
ऐपल सहित कई अमेरिकी कंपनियों ने चीन की विनिर्माण कंपनियों के साथ करार कर रखा है और ऐसे में सीमा शुल्क संबंधी व्यवधान से उनका कारोबार प्रभावित होता है। हालांकि ऐपल के लिए अनुबंध आधारित उत्पादन करने वानी कंपनी फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन ने हाल में भारत में अपना निर्यात केंद्र स्थापित करने के लिए उत्पादन से लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन किया है।अघी ने कहा कि सीमा शुल्क संबंधी हालिया घटना के अलावा ई-कॉमर्स और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी नियमों में लगातार किए जा रहे बदलाव से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए बाधाएं पैदा होती हैं।a

First Published - June 29, 2020 | 12:15 AM IST

संबंधित पोस्ट