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SCO: आतंकवाद से लड़ने की मुहिम

प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल माध्यम से एससीओ की शिखर बैठक को संबोधित किया।

Last Updated- July 05, 2023 | 12:11 AM IST
PM Modi SCO Summit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शांघाई सहयोग संगठन (SCO) की शिखर बैठक में आतंकवाद को क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा बताया और पाकिस्तान के परोक्ष संदर्भ में कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के औजार के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को पनाह देते हैं।

मोदी ने कहा कि शांघाई सहयोग संगठन (SCO) को ऐसे देशों की आलोचना करने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई जरूरी है और ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल माध्यम से एससीओ की शिखर बैठक को संबोधित किया। इस दौरान विश्व के अन्य नेताओं के साथ चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे।

मोदी ने यह भी कहा कि विवादों, तनाव और महामारी से घिरे विश्व में खाद्यान्न, ईंधन और उर्वरक संकट सभी देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है और हमें मिलकर यह विचार करना चाहिए कि क्या एससीओ एक ऐसा संगठन बन रहा है जो भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार है?

आतंकवाद को क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद चाहे किसी भी रूप में हो, किसी भी अभिव्यक्ति में हो, हमें इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की बैठक में डिजिटल माध्यम से उपस्थिति में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के औजार के रूप में इस्तेमाल करते हैं, आतंकवादियों को पनाह देते हैं और एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए।’

मोदी ने कहा, ‘ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। आतंक के वित्तपोषण से निपटने के लिए भी हमें आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए। इसमें एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचा (रैट्स) तंत्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि एससीओ सदस्य देशों के युवाओं के बीच कट्टरता के फैलाव को रोकने के लिए और सक्रिय रूप से कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथ के विषय में आज जारी संयुक्त बयान हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र की प्रगति के लिए मजबूत संपर्क का होना बहुत ही आवश्यक है।

उन्होंने कहा, ‘बेहतर संपर्क आपसी व्यापार ही नहीं, आपसी विश्वास भी बढ़ाता है। किन्तु इन प्रयासों में, एससीओ चार्टर के मूल सिद्धांतों, विशेष रूप से सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना बहुत ही आवश्यक है।’

चीन की विभिन्न देशों को जोड़ने के लिए आधारभूत ढांचे के विकास संबंधी बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजना की दुनिया में अलोचना बढ़ रही है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर भारत इस पर कड़ी आपत्ति करता रहा है।

भारत की अध्यक्षता में डिजिटल माध्यम से आयोजित इस बैठक में रूस, चीन, पाकिस्तान के अलावा कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और ईरान के नेताओं ने हिस्सा लिया।

अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘अफगानिस्तान को लेकर भारत की चिंताएं और अपेक्षाएं एससीओ के अधिकांश देशों के समान हैं। हमें अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे।’ मोदी ने कहा कि 2021 के घटनाक्रम के बाद भी हम अफगानिस्तान में मानवीय सहायता भेजते रहे हैं। 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद वहां की सत्ता पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था।

मोदी ने कहा, ‘वर्तमान समय में वैश्विक स्थिति एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव पर है। विवादों, तनाव और महामारी से घिरे विश्व में खाद्यान्न, ईंधन और उर्वरक संकट सभी देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है।’

मोदी ने कहा, ‘हमें मिलकर यह विचार करना चाहिए कि क्या हम एक संगठन के रूप में हमारे लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में समर्थ है? क्या हम आधुनिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है? क्या एससीओ एक ऐसा संगठन बन रहा है जो भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार है?’ मोदी ने कहा कि भारत एससीओ के सुधार तथा आधुनिकीकरण के लिए प्रस्ताव का समर्थन करता है। साथ ही उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सहित अन्य वैश्विक संस्थानों में भी सुधार के लिए एससीओ एक महत्त्वपूर्ण आवाज बन सकता है।

उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि आज ईरान, एससीओ परिवार में एक नए सदस्य के रूप में जुड़ने जा रहा है। इसके लिए मैं राष्ट्रपति रईसी और ईरान के लोगों को बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ईरान को एससीओ सदस्यता मिलने के बाद चाबहार पोर्ट के बेहतर उपयोग के लिए काम कर सकते हैं।

शांघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इसे एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक एवं सुरक्षा समूह माना जाता है।

First Published - July 5, 2023 | 12:11 AM IST

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