दुनिया भर में कोरोनावायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप के प्रसार को देखते हुए केंद्र ने औपचारिक रूप से 15 दिसंबर से नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बहाल करने की योजना पर फिलहाल रोक लगा दी है। बुधवार को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की तरफ से जारी सूचना में कहा गया, ‘वायरस के नए चिंताजनक स्वरूप के उभरने और वैश्विक हालात को देखते हुए स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। साथ ही सभी हितधारकों के साथ परामर्श किया जा रहा है और नियमित अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को बहाल करने की प्रभावी तारीख के बारे में आगे सूचना दी जाएगी।’
डीजीसीए के फैसले के प्रभावी होने का मतलब यह है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, एयर ट्रांसपोर्ट बबल्स समझौते के तहत फिलहाल जारी रहेंगी। भारत ने 31 देशों के साथ एयर ट्रांसपोर्ट बबल समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जो दरअसल दो देशों के बीच एक ऐसा करार है जिसके तहत उन देशों के विमान, कोविड से जुड़े कुछ नियमों का पालन कर अंतरराष्ट्रीय उड़ान भर सकते हैं। 30 नवंबर को 536 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन किया गया जो 2019 की शीतकालीन नियमित उड़ान सेवाओं का लगभग 44 प्रतिशत हिस्सा है।
पिछले शुक्रवार को डीजीसीए ने कोविड-19 के जोखिम को देखते हुए चरणबद्ध तरीके से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बहाली की घोषणा की थी। पिछले मार्च में नियमित उड़ान सेवाएं निलंबित कर दी गईं थीं और इसके बाद से ही एयर ट्रांसपोर्ट बबल के तहत ही सेवाएं मुहैया कराई जा रहीं थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओमीक्रॉन के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य तैयारी की समीक्षा के लिए शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। सतर्कता बढ़ाने और कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक का स्तर बढ़ाने की जरूरत को देखते हुए प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा था कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों को आसान बनाने के लिए योजनाओं की समीक्षा करें ।
