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हाल-ए-ब्रिटेन : किराए से भी नहीं कमाया और घर भी गंवाया

Last Updated- December 05, 2022 | 9:45 PM IST

रिचर्ड ली ने ब्रिटेन के विभिन्न शहरों में 20 किराए के मकान खरीदे। इस खरीदारी में ली को  5.3 मिलियन पौंड खर्च करने पड़े।


इस राशि में ली ने अपने 150,000 पौंड खर्च किए तो बची हुई रकम उन्होंने बैंक से बतौर उधार लिया। आज की तारीख में ली की उस प्रॉपर्टी की कीमत में 60 फीसदी की कमी हो गयी है। और उन घरों का  मालिक भी अब ली नहीं बल्कि बैंक हो गया है। ली इस मामले में अकेला नहीं है।


ली जैसे सैकड़ों ऐसे लोग हैं जो दस साल पहले प्रॉपर्टी में जबरदस्त तेजी को देखते हुए किराए पर मकान लगाने के लिए बैंक से कर्ज लेकर कई मकान खरीद लिए। उनका मानना था कि उस मकान से आने वाले किराए से वे बैंक से ली गयी उधार राशि को चुका देंगे। और कुछ सालों को तक ऐसा चलता भी रहा। लेकिन अब वे ऐसा करने में समर्थ नहीं है। उन्हें किराएदार नहीं मिल रहे हैं। मकान खाली पड़ा है।


उन पर उधार का बोझ बढ़ता जा रहा है। लीड्स व मैनचेस्टर के अपार्टमेंट्स का हाल तो और भी बुरा है। किराए के उद्देश्य से की गयी मकान खरीदारी के कारण ब्रिटेन में गत महीने मकानों की कीमत में 2.5 फीसदी की कमी दर्ज की गयी है। 1992 के बाद से अबतक की यह सबसे बड़ी गिरावट बतायी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक हाउसिंग क्षेत्र के मामले में ब्रिटेन अमेरिका के पदचिन्हों पर है।


ब्रिटेन के हाउसिंग क्षेत्र में भी अमेरिका की तरह ही मंदी के बादल छाए हुए हैं। लंदन स्थित सिटीग्रुप के अर्थशास्त्री माइकल सौंडर्स के मुताबिक इस साल या अगले साल तक ब्रिटेन में मकानों की कीमत में 10 फीसदी की कमी आ सकती है।किराए के उद्देश्य से मकान खरीदारी के लिए किया गया निवेश इस क्षेत्र में आंतरिक रूप से एक गुब्बारा था जो अब फट चुका है। सौंडर्स कहते हैं कि जितना उन्होंने सोचा था, स्थिति उससे कही ज्यादा बदतर है।


किराए पर लगाने के उद्देश्य से की गई मकान की खरीदारी के कारण ब्रिटेन में मकानों की कीमत में 1997-2007 के दौरान तीन गुना बढ़ोतरी दर्ज की गयी। किराए लगाने के लिए मकानों की खरीदारी का चलन 1990 के मध्य में काफी अधिक देखने को मिला। इस अवधि में बैंक बैंकों ने इस प्रकार की खरीदारी को प्रोत्साहित करना शुरू किया। क्योंकि तबतक सरकार किराया नियंत्रण को समाप्त कर चुकी थी और एक निर्धारित लीज की शुरुआत हो चुकी थी।


ताकि किराएदार से मकान को आसानी से खाली कराया जा सके। इस खरीदारी के लिए बैंक से मिले कर्ज के भुगतान पर लोगों को कर में राहत मिलने लगी। इन कारणों से इस प्रकार की खरीदारी की ओर मकानमालिकों का आकर्षण बढ़ता गया। सौंडर्स के मुताबिक किराए के लिए खरीदारी के कारण ब्रिटेन के हाउसिंग क्षेत्र में मजबूती आयी लेकिन लेकिन प्रॉपर्टी की कीमत में गिरावट के कारण यह बाजार टूट गया।


बैंक से उधार लेकर मकान खरीदने वालों की संख्या में इजाफा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2007 के आरंभ तक बैंकों के पास 245 बिलियन डॉलर की कीमत के गिरवी मकान थे। ली जैसे सैकड़ों निवेशक जिन्होंने लीड्स व मैनचेस्टर जैसे शहरों में मकान खरीदने में काफी पैसा निवेश किया था अब कर्ज के बोझ से दबे हैं और उनकी हालत काफी नाजुक बतायी जा रही है।


हालत ऐसी है कि गिरवी मकानों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। क्योंकि कर्ज लेकर मकान खरीदने वाले कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं है।कोनेल ऐसेट मैनेजमेंट ने गत साल इस प्रकार के 10,000 मकानों की बिक्री की। उम्मीद की जा रही है कि इस साल इस प्रकार के मकानों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी। रियल एस्टेट ब्रोकर रिचर्ड के मुताबिक लीड्स में सहाधिकार वाले बड़े-बड़े अपार्टमेंटों का निर्माण हो रहा है।


और इनमें से 60 फीसदी की बिक्री पहले ही उन निवेशकों को हो चुकी हैं जिन्हें किराए लगाने के मकसद से मकान की खरीदारी करनी है। रिचर्ड का कहना है कि लीड्स ऐसा शहर हैं जहां कई सिटी सेंटर अपार्टमेंट का निर्माण होना है या किया जा रहा है। शहर के मध्य में हजारों फ्लैट बनाए जा रहे हैं जहां दो कमरे वाले मकान की कीमत में बीते दो साल के दौरान 12 फीसदी की गिरावट आयी है।


ब्रोकर की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रकार के मकानों के किराए में 20 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गयी है। सिटी सेंटर अपार्टमेंट के 13 फीसदी मकान खाली पड़े हैं। रियल एस्टेट के जानकारों के मुताबिक 12 महीने पहले तक इस प्रकार के विकास से लोग अपने भविष्य को संवार रहे थे। लेकिन आज की तारीख में यह लोगों के लिए दुखदायी इलाका साबित हो रहा है।


लीड्स में हालत इतनी खराब है कि कई डेवलपर्स अपनी परियोजनाओं पर काम करना बंद कर दिया है या उन्होंने उसकी शुरुआत ही नहीं की। ब्रिटेन का सबसे बड़ा मकान निर्माता टेलर विमपे ने लीड्स में अपनी परियोजना को आगामी नवंबर महीने तक के लिए टाल दिया है। पहले जहां सिर्फ मकानों के निर्माण की योजना तैयार की जा रही थी अब वहां अपार्टमेंट्स के अलावा ऑफिस व दुकानों के निर्माण पर भी विचार किया जा रहा है।


टेलर विमपे के कारोबार में बीते छह महीने के दौरान 40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है। क्योंकि किराए के मकसद से मकानों की होने वाली खरीदारी में भारी कमी आयी है। इस प्रकार से वहां जमीन की कीमत में भी गिरावट का रुख जारी है। बीते छह महीने के दौरान बैरेट डेवलपर्स, बेलवे डेवलपर्स, बोविस होम्स ग्रुप, बर्कले ग्रुप, परिसम्मन व रेडरो डेवलपर्स के कारोबार में 16 से 48 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है।


ब्रिटेन में नए बनाए गए अपार्टमेंटों में 60 फीसदी खरीदारी उनलोगों ने की जिनका मकसद इन मकानों में किराया लगाना था।बीते छह सालों में की गयी इस खरीदारी में अधिकतर ब्रोकर हैं या फिर प्रॉपर्टी निवेश समूह के सदस्य है। वर्ष 2000 के बाद से ब्रिटेन में इंटरनेट के माध्यम से इस प्रकार के समूहों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।

First Published - April 17, 2008 | 10:45 PM IST

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