यदि आपका बेटा या बेटी, या आपके किसी परिचित का बच्चा अमेरिका में पढ़ने गया है, मतलब यूएस में स्टूडेंट वीजा पर है; तो उन लोगों के लिए अमेरिका में हो रहे हालात बहुत चिंताजनक है। संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे भारतीय छात्रों के लिए एक चिंताजनक प्रवृत्ति सामने आ रही है, जहां उन्हें ट्रैफिक उल्लंघनों, छोटे-मोटे चोरी के मामलों या अनुशासनहीन व्यवहार जैसी मामूली घटनाओं पर भी निर्वासन का सामना करना पड़ रहा है। पहले इन मामलों में केवल जुर्माना या चेतावनी मिलती थी, लेकिन अब इन्हीं कारणों से छात्र वीज़ा रद्द किए जा रहे हैं और निर्वासन के आदेश दिए जा रहे हैं।
यह घटनाएं अमेरिका में कड़े इमिग्रेशन नियमों और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की बढ़ती जांच-पड़ताल के बीच हो रही हैं। प्रशासन अब पुराने मामलों की भी दोबारा जांच कर रहा है—भले ही वे कई महीने पुराने क्यों न हों—और उन छात्रों के वीज़ा रद्द कर रहा है जिन्होंने पहले सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की थीं। उदाहरण के लिए, एक छात्र जिसे तेज गति से वाहन चलाने के लिए जुर्माना मिला था और जिसने वह जुर्माना भर भी दिया था, अब निर्वासन की प्रक्रिया का सामना कर रहा है।
प्रभावित छात्रों को आमतौर पर उनके नामित स्कूल अधिकारियों (DSOs) से ईमेल द्वारा वीज़ा रद्दीकरण की सूचना दी जाती है, जिसमें उन्हें तुरंत अमेरिका छोड़ने के लिए कहा जाता है। यह ईमेल कई बार पहली सूचना होती है जिससे उन्हें पता चलता है कि उनका वीज़ा रद्द कर दिया गया है।
अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) की एक नई रिपोर्ट ने इस बढ़ती समस्या पर चिंता जताई है, जिसमें बताया गया है कि अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा रद्दीकरण के मामलों में भारतीय छात्रों की हिस्सेदारी लगभग 50% है।
AILA की 17 अप्रैल की नीति रिपोर्ट के अनुसार, कुल 327 मामलों में वीज़ा रद्द या SEVIS (स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विज़िटर इंफॉर्मेशन सिस्टम) रिकॉर्ड बंद किए गए हैं, जो छात्रों, वकीलों और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों द्वारा रिपोर्ट किए गए हैं।
AILA ने कहा, “विदेश विभाग (DOS) और इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) आक्रामक रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बना रहे हैं, यहां तक कि उन छात्रों को भी जो किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं रहे हैं। पिछले महीने, सचिव रुबियो ने कहा कि DOS ने 300 से अधिक छात्रों के वीज़ा रद्द किए हैं और ‘कैच एंड रिवोक’ नामक एक नई योजना की घोषणा की है, जो एआई-सहायता से छात्रों के सोशल मीडिया पोस्ट की जांच कर रही है। तब से सैकड़ों और छात्रों के वीज़ा रद्द किए जा चुके हैं, जिनमें कई मामूली पुलिस मामलों में शामिल रहे हैं, जिनमें कोई सजा नहीं हुई।”
SEVIS रिकॉर्ड हटाना सबसे गंभीर कार्रवाई में से एक माना जा रहा है।
SEVIS एक सिस्टम है जिसका उपयोग अमेरिका का होमलैंड सिक्योरिटी विभाग F-1, J-1 और M-1 वीज़ा पर पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर निगरानी के लिए करता है। जब किसी छात्र का रिकॉर्ड इस सिस्टम से हटा दिया जाता है, तो यह उनकी अमेरिका में कानूनी उपस्थिति को मिटा देने जैसा होता है। इससे वे अपने वैध रहने और पढ़ाई करने को साबित नहीं कर पाते, जिससे निर्वासन और भविष्य में वीज़ा पाने में कठिनाई होती है।
इसके अलावा, अमेरिका ने 1940 के दशक का पुराना इमिग्रेशन कानून—“एलियन रजिस्ट्रेशन एक्ट”—फिर से लागू करना शुरू कर दिया है, जो युद्धकाल में अप्रवासियों पर सख्त निगरानी के लिए इस्तेमाल होता था। अब इसे दोबारा लागू करने से छात्रों के लिए हालात और भी तनावपूर्ण हो गए हैं।
AILA द्वारा एकत्रित 327 रिपोर्टों में निम्नलिखित जानकारी सामने आई:
इन सभी मामलों में कोई आपराधिक सजा नहीं हुई, फिर भी छात्रों के वीज़ा रद्द कर दिए गए या SEVIS से हटा दिया गया।
यह सब दर्शाता है कि छात्रों का पुलिस से मामूली संपर्क भी उनके वीज़ा और भविष्य पर भारी पड़ सकता है—चाहे वे निर्दोष हों या मामला खारिज हो चुका हो।
छोटे सांस्कृतिक मतभेद, ट्रैफिक उल्लंघन, या किसी अपराध के शिकार होने जैसी स्थिति भी उन्हें अमेरिका से बाहर कर सकती है।
अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) की सीनियर डायरेक्टर शेव डालाल-धेनी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि इन मनमाने वीज़ा रद्दीकरण और SEVIS टर्मिनेशन को रोकने के लिए पारदर्शिता, निगरानी और जवाबदेही जरूरी है। इसके साथ ही छात्रों के लिए यह ज़रूरी है कि वे SEVIS टर्मिनेशन के खिलाफ अपील कर सकें, वह भी बिना रोजगार में रुकावट और विश्वविद्यालय की भागीदारी के, क्योंकि इस समय बहुत बड़ी संख्या में छात्र प्रभावित हो रहे हैं।
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