शनिवार को दो अत्यंत महत्त्वपूर्ण घोषणाओं यानी अफ्रीकी यूनियन को जी20 समूह में शामिल करने और नई दिल्ली घोषणापत्र पर सहमति बनने के बाद जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के समापन दिवस पर आज कुछ द्विपक्षीय बैठकों का आयोजन हुआ और वैश्विक नेताओं ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
रविवार सुबह भारत मंडपम में बारिश के बीच आयोजित शिखर बैठक के अंतिम सत्र में पूरी उपस्थिति देखने को नहीं मिली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन राजघाट के आयोजन के बाद वियतनाम की यात्रा पर निकल गए। सत्र के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के समापन की घोषणा की और आधिकारिक तौर पर ब्राजील को अध्यक्षता सौंपने के पहले नवंबर में आभासी जी20 सत्र का प्रस्ताव रखा।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज लूला दा सिल्वा को गावेल (एक प्रतीक) सौंपकर हस्तांतरण की प्रक्रिया सांकेतिक रूप से पूरी की। सिल्वा ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि वह इस दो दिवसीय शिखर बैठक में उभरती अर्थव्यवस्थाओं को केंद्र में लाया।
फ्रांस, कनाडा, ब्राजील, तुर्किये, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड, नाइजीरिया, कॉमोरोस और यूरोपीय आयोग तथा परिषद आदि की द्विपक्षीय वार्ताओं और आयोजन से इतर बैठकों के बाद जब कार्यक्रम समापन की ओर बढ़ने लगा तो प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को चौंका दिया। शाम को भारत मंडपम से कुछ ही दूरी पर स्थित अंतरराष्ट्रीय मीडिया सेंटर पर खोजी श्वानों के दस्तों के साथ एक व्यापक सुरक्षा अभ्यास को अंजाम दिया गया। यह कवायद करीब दो घंटे चली।
करीब 1,000 से अधिक देसी-विदेशी मीडियाकर्मी मोदी की प्रतीक्षा करते रहे कि मोदी आएंगे और सवाल जवाब का सिलसिला होगा। जब यह अवसर आया तो चारों ओर से कैमरों और मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट चमकने लगीं। मोदी अपने चिरपरिचित सफेद कुर्ते-पायजामे और गहरे रंग की जैकेट में हॉल से इस प्रकार गुजरे जैसे विजय के उपरांत चक्कर लगा रहे हों। ‘मोदी-मोदी और भारत माता की जय’ के नारों के बीच उन्होंने मीडिया की ओर हाथ हिलाया। यह सिलसिला लंबा नहीं चला क्योंकि मोदी जल्दी ही बाहर निकल गए और पत्रकार वापस अपने काम पर लग गए। देर शाम संयुक्त बयान में फ्रांस ने रक्षा औद्योगिक खाके को जल्द पूरा करने का आह्वान किया। भारत और फ्रांस उन्नत परमाणु प्रौद्योगिकी पर साझेदारी बनाने पर भी काम कर रहा है। भारत और ब्राजील ने भी द्विपक्षीय वार्ता की। इसमें दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करने की तत्काल जरूरत बताई।
इससे पहले दिन में मोदी ने वैश्विक नेताओं से कहा था, ‘भारत के पास नवंबर 2023 तक जी20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी है। शिखर सम्मेलन के दौरान दो दिन में आप सभी ने ढेर सारे सुझाव और प्रस्ताव दिए। यह हमारा कर्तव्य है कि जो सुझाव हमें मिले हैं उनकी एक बार फिर समीक्षा की जाए।’
शिखर सम्मेलन के समापन के बाद बाइडन वियतनाम रवाना हो गए जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बांग्लादेश के लिए उड़ान भरी। रविवार को रवाना होने से पहले मैक्रों ने का कि जी20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों को हल करने के लिए है और यह यूक्रेन में युद्ध पर कूटनीतिक प्रगति की उम्मीद करने का स्थान नहीं है। वह यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के खिलाफ नई दिल्ली की घोषणा पत्र में सख्ती नहीं दिखाए जाने पर फ्रांस की मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। हालांकि उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन में जलवायु को लेकर खास सहमति नहीं बनने पर निराशा जताई।
रॉयटर्स के अनुसार रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि शिखर सम्मेलन भारत के साथ-साथ ग्लोबल साउथ के लिए भी सफल रहा।
ब्रिटेन और जर्मनी ने भी घोषणापत्र का समर्थन किया है। हालांकि यूक्रेन ने कहा कि इसमें गर्व करने जैसी कोई बात नहीं है। इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा था कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण कुछ ऐसा है जो जी20 में सहयोग की बुनियाद हिला सकता है।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग एवं रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के शामिल न होने और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक नेताओं में मतभेद के कारण 18वें जी20 शिखर सम्मेलन के साझा बयान पर सवालिया निशान लग गया था। मगर शिखर सम्मेलन के पहले ही दिन साझा बयान पर आम सहमति बन गई और प्रधानमंत्री मोदी ने उसकी घोषणा भी कर दी।