पाकिस्तान के कराची में पुलिस प्रमुख के कार्यालय पर हथियारों से लैस पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों ने हमला कर दिया, जिसमें तीन हमलावर मारे गए, जबकि तीन सुरक्षा कर्मियों समेत चार अन्य ने भी अपनी जान गंवा दी।
अधिकारियों ने शनिवार को इसकी पुष्टि की कि उक्त इमारत में अब कोई आतंकवादी नहीं है। कराची पुलिस कार्यालय (केपीओ) में आतंकवादियों के खिलाफ पुलिस कमांडो और अर्द्धसैनिक बल कर्मियों का अभियान कई घंटे चला।
आतंकवादियों ने शुक्रवार शाम पाकिस्तान के सबसे अधिक आबादी वाले शहर कराची स्थित पांच मंजिला इमारत पर हमला कर दिया था। अभियान का नेतृत्व करने वाली टीम में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘डॉन’ अखबार को बताया कि तीन हमलावर सफेद रंग की कार में केपीओ पहुंचे थे। हमलावरों में से एक ने इमारत की चौथी मंजिल पर खुद को विस्फोट करके उड़ा लिया, जबकि दो अन्य को छत पर गोलीबारी में मार गिराया गया।
सिंध सरकार के प्रवक्ता मुर्तजा वहाब ने ट्वीट किया, ‘‘मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि सुरक्षा बलों ने कराची पुलिस कार्यालय (केपीओ) की इमारत को अपने नियंत्रण में ले लिया है। तीन आतंकी मारे गए हैं।’’
आतंकवादी कथित तौर पर पीछे की दीवार पर चढ़कर इमारत में दाखिल हुए और शहर के पुलिस प्रमुख के कार्यालय में तीन सुरक्षा चौकियों पर हमले के समय सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे। ‘जियो न्यूज’ ने बताया, ‘‘केपीओ की पिछली दीवार पर कंटीले तार भी काट दिए गए थे।’’
अधिकारियों ने कहा कि शाहरा-ए-फैसल की तरफ से इमारत की निगरानी के लिए कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। चार घंटे से अधिक समय तक चले इस अभियान में तीन आतंकवादी मारे गए और दो पुलिसकर्मियों एवं सिंध रेंजर के एक सब-इंस्पेक्टर सहित चार लोगों की भी मौत हो गई। पेशावर सिविल लाइंस मस्जिद में घातक आत्मघाती हमले के बाद हुए इस आतंकी हमले में पुलिस और रेंजर कर्मियों सहित 18 अन्य लोग घायल भी हो गए। मस्जिद पर हमले में 84 लोग मारे गए थे। कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने हमले में शामिल तीन आतंकवादियों की पहचान की है।
मीडिया की खबर में कहा गया है कि दो आतंकवादी उत्तरी वजीरिस्तान के रहने वाले थे, जबकि एक लक्की मरवत का था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी बैग लिये हुए थे, जिसमें खाने-पीने का सामान और एके-47 सहित घातक हथियार थे। अधिकारी ने बताया कि इससे यह पता चलता है कि उनकी यहां लंबे समय तक टिके रहने की योजना थी, लेकिन उन्हें इसका मौका नहीं मिला। डीआईजी साउथ इरफान बलोच ने कहा कि आतंकियों ने परिसर पर दो से तीन तरफ से हमला किया था।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने फंसे हुए 40-50 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सुरक्षित बाहर निकाला। अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद कराची के सभी पुलिस थानों और अन्य संवेदनशील इलाकों और इमारतों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की निंदा की और आतंकवादियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों की सराहना की।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आतंकवादी शायद यह भूल गए हैं कि पाकिस्तान ही वह राष्ट्र है, जिसने अपनी वीरता और साहस से आतंकवाद को परास्त किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान न सिर्फ आतंकवाद का सफाया करेगा, बल्कि आतंकियों को न्याय के कठघरे में लाकर उनका खात्मा भी करेगा। पिछले दो दशकों में इस देश ने अपने खून को बहाकर आतंकवाद का मुकाबला किया, इस महान देश ने इस परीक्षा की घड़ी में भी इस बुराई को हमेशा के लिए खत्म करने का संकल्प लिया है।’’
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी हमले की कड़ी निंदा की और घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा, ‘‘समूचा देश आतंकवादियों के खिलाफ अपने सुरक्षा बलों के साथ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद के स्रोत को खत्म करने के लिए प्रयास जारी रहेंगे।’’ प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने अपने प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी की ओर से जारी बयान में हमले की जिम्मेदारी ली। यह हमला प्रांतीय सरकार के लिए एक बड़ी चिंता और शर्मिंदगी का कारण बना है, क्योंकि कराची पुलिस प्रमुख का कार्यालय और सदर पुलिस थाना मुख्य शाहरा-ए-फैसल रोड पर स्थित हैं, जो कराची के मुख्य मार्ग के रूप में कार्य करता है, जिसमें कई रणनीतिक प्रतिष्ठान, पाकिस्तान वायुसेना का फैसल बेस और पास में पांच सितारा होटल है।
पाकिस्तान सुपर लीग में वर्तमान में भाग ले रहे विदेशी क्रिकेट खिलाड़ी शनिवार और रविवार को मैचों की मेजबानी के लिए कराची के साथ इन होटलों में ठहरे हुए हैं। हालांकि, सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने कहा कि इस घटना से पीएसएल मैच प्रभावित नहीं होंगे।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नजम सेठी ने कहा कि मैच तय समय पर हों, क्योंकि लीग शुरू होने के बाद से ही खिलाड़ियों और अधिकारियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे।