जापानी ऑटोमेकर सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन (Suzuki Motor Corporation) को ऑटोमोबाइल सेक्टर का पावरहाउस बनाने और कंपनी को भारत में पहचाने दिलाने वाले दिग्गज ओसामु सुजुकी (Osamu Suzuki) का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने सुजुकी मोटर का चार दशकों से अधिक समय तक नेतृत्व किया था। कंपनी ने एक बयान में उनके निधन की पुष्टि की और बताया कि क्रिसमस के दिन यानी 25 दिसंबर को लिंफोमा के कारण उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
ओसामु सुजुकी पेशे से एक बैंकर थे। उन्होंने 1958 में अपने दादा द्वारा स्थापित कंपनी ज्वाइन की और दो दशकों में सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए अध्यक्ष बन गए। 1970 के दशक में, उन्होंने कंपनी को तबाह होने से बचाया, जब उन्होंने टोयोटा मोटर को नई उत्सर्जन नियमों का पालन करने वाले इंजन सप्लाई करने के लिए मना लिया। इसके बाद 1979 में ऑल्टो मिनी वाहन के लॉन्च के साथ बड़ी सफलता मिली। यह वाहन जबरदस्त हिट हुआ और 1981 में जनरल मोटर्स के साथ साझेदारी करते समय कंपनी की सौदेबाजी की ताकत को मजबूत किया।
सुजुकी ने तब एक बड़ा और जोखिम भरा फैसला लिया और भारत में एक राष्ट्रीय कार निर्माता कंपनी स्थापित करने के लिए कंपनी की एक साल की कमाई को झोंक दिया। उनकी इस पहल के पीछे उनकी यह मजबूत इच्छा थी कि वह “दुनिया में कहीं नंबर एक बनना चाहते थे।”
उस समय भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर बहुत पिछड़ा हुआ था, जहां सालाना कार बिक्री 40,000 से भी कम थी और अधिकांश गाड़ियां ब्रिटिश मॉडल की नकल थीं।
सरकार ने हाल ही में मारुति को राष्ट्रीयकृत किया था, जिसे 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी की पहल के तौर पर भारत में एक किफायती “जनता की कार” बनाने के लिए शुरू किया गया था।
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मारुति को एक विदेशी साझेदार की जरूरत थी, लेकिन रेनो के साथ शुरुआती साझेदारी विफल हो गई क्योंकि उनकी सेडान को घरेलू जरूरतों के लिए बहुत महंगी और कम ईंधन-किफायती माना गया। मारुति की टीम ने कई कंपनियों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें फिएट और सुबारू जैसी ब्रांड्स ने खारिज कर दिया। सुजुकी के साथ भी मारुति का पहला अनुभव कुछ ऐसा ही था।
1982 में, उन्होंने मारुति उद्योग की स्थापना के लिए भारत सरकार के साथ साझेदारी की। इसके एक साल बाद 1983 में पहली कार, मारुति 800 हैचबैक को लॉन्च किया गया, जो ऑल्टो के डिजाइन से प्रेरित थी। इस गाड़ी ने धूम मचा दी और कंपनी को भारत में पहचान मिली। आज, सुजुकी मोटर के बहुमत स्वामित्व वाली मारुति सुजुकी भारत के कार बाजार में लगभग 40% हिस्सेदारी रखती है।
(रॉयटर्स के इनपुट के साथ)