आखिरकार याहू ने सॉफ्टवेयर दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट को करारा जवाब देने की तैयारी कर ली है।
माइक्रोसॉफ्ट ने याहू को अधिग्रहण मसले पर विचार कर कोई निर्णय लेने के लिए तीन हफ्तों का समय दिया था, पर याहू उसके मुंह पर तमाचा जड़ते हुए एक तीसरी कंपनी के साथ गठजोड़ करने की फिराक में है। याहू के एक करीबी व्यक्ति और मामले के जानकार ने बताया कि कंपनी टाइम वार्नर इंक की एओएल इकाई के साथ समझौते के लिए बात कर रही है।
ऐसी उम्मीद है कि इस करार के तहत याहू एओएल पर कब्जा जमाएगी और दोनों कंपनियों के गठजोड़ से जो नई इकाई बनेगी उसमें टाइम वार्नर निवेश करेगी। इसके बदले में याहू संयुक्त इकाई में 20 फीसदी हिस्सेदारी टाइम वार्नर को देगी। इस करार से याहू को दोहरा फायदा होने की उम्मीद है। एक तो कंपनी का एओएल पर नियंत्रण हो जाएगा और दूसरा टाइम वार्नर की ओर से किए जाने वाले निवेश का इस्तेमाल कंपनी अपने शेयरों के बाइबैक (पुनर्खरीद) में करेगी।
इस तरह कंपनी अपने अरबों डॉलर के शेयर को दुबारा से अपनी झोली में डाल सकेगी। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेरी यांग अधिग्रहण के लिए प्रति शेयर 31 डॉलर की पेशकश को ठुकराने के बाद से ही लगातार नए विकल्प ढूंढ़ने में लगे हुए हैं।
बुधवार को याहू ने कहा था कि कंपनी गूगल की ओर से बेचे जाने वाले वेब सर्च विज्ञापन लिंक को अपनी साइट पर दिखाती रहेगी। याहू इस कदम से अपने निवेशकों को यह भरोसा दिलाना चाहती है कि कंपनी अकेले अपने दम पर भी काम कर सकती है। उसे अपने कारोबार को चलाने के लिए किसी दूसरी कंपनी की सहायता की जरूरत नहीं है।
टोक्यो स्थित डियाम कॉरपोरेशन के प्रबंधक यासुहिको हीराकावा ने कहा कि अगर कंपनी ऐसे किसी समझौते को पूरा करने में कामयाब हो जाती है तो यह उसके लिए बेहद फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट से अलग हटकर भी कंपनी अगर दूसरी इंटरनेट कंपनियों के साथ गठजोड़ करती है तो उसके लिए यह जीत जैसी ही स्थिति होगी।
याहू ने पहले भी कहा था कि अगर माइक्रोसॉफ्ट 44.6 अरब डॉलर की पेशकश को नहीं बढ़ाती है तो उसे दूसरा विकल्प ढूंढ़ने से कोई परहेज नहीं होगा। यांग ने एक नया पत्ता फेंक कर यह बता दिया है कि दो महीने पहले उसने जो कहा था वह उसे पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
दिलचस्प मोड़
अब तक माइक्रोसॉफ्ट अकेले याहू को अपनी ओर खींचने का प्रयास करती रही है, अब उसके साथ रूपर्ट मर्डोक की कंपनी न्यूज कॉरपोरेशन भी साथ हो गई है। दोनों कंपनियां मिलकर याहू को रिझाने में जुटी हुई हैं। इस अखबार में छपी खबर के अनुसार माइक्रोसॉफ्ट ने न्यूज कॉरपोरेशन के साथ बात शुरू कर दी है। दोनों के बीच सहमति हो जाती है तो दोनों कंपनियां मिलकर याहू पर कब्जा जमाने की कोशिश करेंगी।
एक नजर
1 फरवरी : माइक्रोसॉफ्ट ने याहू को खरीदने के लिए 44.6 अरब डॉलर का प्रस्ताव रखा।
8 फरवरी : याहू ने माइक्रोसॉफ्ट की बोली को यह कहकर ठुकरा दिया कि उसे कमतर आंका गया है।
5 अप्रैल : माइक्रोसॉफ्ट ने याहू को अल्टीमेटम दिया कि तीन हफ्तों के अंदर अधिग्रहण पर कंपनी निर्णय ले।
7 अप्रैल : याहू ने माइक्रोसॉफ्ट की चेतावनी का जवाब देते हुए कहा कि जब तक बोली को बढ़ाया नहीं जाता तब तक अधिग्रहण का सवाल ही नहीं उठता।