यूरोपीय संघ (EU) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और व्हाट्सऐप का परिचालन करने वाली कंपनी मेटा पर प्राइवेसी नियमों के उल्लंघन मामले में आज 1.3 अरब यूरो का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही यूरोपीय संघ ने यूजर्स की जानकारी अमेरिका भेजने पर भी रोक लगा दी। करीब पांच साल पहले यूरोपीय संघ में निजता उल्लंघन से संबंधित सख्त कानून लागू होने के बाद लगाया गया यह सबसे बड़ा जुर्माना है। इसके पहले यूरोपीय संघ ने वर्ष 2021 में दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन पर 74.6 करोड़ यूरो का जुर्माना लगाया था।
मेटा ने करीब एक दशक पुराने इस मामले में पहले यूरोप के यूजर्स की सेवाएं बंद करने की चेतावनी दी थी। लेकिन यूरोपीय संघ का सख्त आदेश आने के बाद उसने ऊपरी अदालत में अपील करने की बात कही है जिसमें फैसले पर रोक लगाने की गुहार लगाई जाएगी। इसके साथ ही मेटा ने कहा कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में फेसबुक की सेवा में तत्काल कोई गतिरोध नहीं आया है।
मेटा के वैश्विक मामलों के अध्यक्ष निक क्लेग और मुख्य विधिक अधिकारी जेनिफर न्यूस्टीड ने एक संयुक्त में कहा, ‘यह निर्णय त्रुटिपूर्ण एवं अन्यायपूर्ण होने के साथ यूरोप एवं अमेरिका के बीच आंकड़े भेजने वाली दूसरी अनगिनत कंपनियों के लिए एक खतरनाक नजीर पेश करता है।’
यूरोपीय संघ के सदस्य आयरलैंड के आंकड़ों के संरक्षण से जुड़े आयोग ने मेटा को उपयोगकर्ताओं के बारे में सूचनाएं अमेरिका भेजने पर रोक लगाने के लिए 5 महीने की मोहलत दी है वहीं आंकड़ों को लेकर परिचालन का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 6 महीने का वक्त दिया गया है।
यह मामला वर्ष 2013 में शुरू हुआ था जब ऑस्ट्रिया के वकील एवं निजता अधिकारों के लिए सक्रिय मैक्स श्रेम्स ने फेसबुक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी किए जाने संबंधी एडवर्ड स्नोडेन के आरोपों पर यह शिकायत की थी।
यूरोपीय यूजर्स के अकाउंट में दर्ज जानकारियों तक अमेरिकी एजेंसियों की पहुंच होने का मामला अमेरिका एवं यूरोप के बीच तनातनी का भी कारण बना था। इस दौरान यूरोपीय संघ में जहां आंकड़ों की निजता से संबंधित सख्त कानून बना वहीं अमेरिका में इसे लेकर लचीला रुख देखने को मिला।
Also read: ओला इलेक्ट्रिक ने जुटाए 30 करोड़ डॉलर, मूल्यांकन में भी हो सकता है इजाफा
यूरोपीय संघ बड़ी तकनीकी कंपनियों पर लगाम लगाने में सबसे आगे रहा है। उसने नियमों की एक श्रृंखला के साथ बड़ी तकनीकी कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म को अधिक सख्ती से नियंत्रित करने और उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा करने के लिए मजबूर किया है।
यूरोपीय संघ-अमेरिका के बीच डेटा हस्तांतरण से संबंधित एक समझौता जिसे प्राइवेसी शील्ड के रूप में जाना जाता है, उसे यूरोपीय संघ की शीर्ष अदालत ने 2020 में रद्द कर दिया था। अदालत ने कहा था कि यह यूरोप के नागरिकों को अमेरिकी सरकार की इलेक्ट्रॉनिक ताक-झांक से बचाने के लिए पर्याप्त नहीं है।
Also read: Zomato के 72 फीसदी कस्टमर कैश ऑन डिलिवरी ऑर्डर पर दे रहे 2,000 के नोट
यूरोपीय संघ के ताजा फैसले ने पुष्टि की है कि डेटा हस्तांतरण को नियंत्रित करने के लिए कानूनी समझौता भी आमन्य था। ब्रसेल्स और अमेरिका ने पिछले साल गोपनीयता की सुरक्षा के लिए एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसका उपयोग मेटा कर सकती है। लेकिन इस समझौते पर अभी यूरोपीय प्राधिकरण के फैसले का इंतजार है, जो यह निर्णय करेगा कि संबंधित समझौता डेटा गोपनीयता की पर्याप्त रूप से रक्षा करता है।
यूरोपीय संघ के फैसले के बाद अगर मेटा को अमेरिका में डेटा भेजने की अनुमति नहीं मिलती है तो सोशल मीडिया कंपनी को अपने परिचालन में जटिल सुधार करने होंगे जिस पर खर्च भी ज्यादा आ सकता है। मेटा की वेबसाइट के अनुसार उसके पास दुनिया भर में 21 डेटा सेंटर हैं जिनमें से 17 अमेरिका में और यूरोप के डेनमार्क, आयरलैंड और स्वीडन में 3 डेटा सेंटर हैं। इसके साथ ही मेटा का एक डेटा सेंटर सिंगापुर में है।