facebookmetapixel
Year Ender: 2025 में GST स्लैब और इनकम टैक्स में हुए बड़े बदलाव, मिडिल क्लास को मिली बड़ी राहतबाढ़, बारिश और गर्मी से कारोबार को नुकसान? छोटे व्यापारियों के लिए क्लाइमेट इंश्योरेंस इसलिए जरूरी!2026 में 43% तक अपसाइड दिखा सकते हैं ये 5 दमदार शेयर, ब्रोकरेज की सलाह- BUY करेंनए लेबर कोड पर उद्योग जगत की बड़ी आपत्ति, दावा: वेतन के नियम और ग्रेच्युटी से बढ़ेगा भर्ती खर्चPAN कार्ड आधार से लिंक नहीं? अगर हां तो 31 दिसंबर तक कर लें पूरा, नहीं तो नए साल में होगी दिक्कत1 जनवरी से कम हो सकती हैं CNG, PNG की कीमतें, PNGRB टैरिफ में करेगी बदलावकर्नाटक के चित्रदुर्ग में स्लीपर बस और लॉरी में भयंकर टक्कर, आग लगने से 10 लोग जिंदा जलेStock Market: क्रिसमस के चलते आज शेयर बाजार बंद, BSE-NSE और MCX में नहीं होगी कोई ट्रेडिंगToday’s Weather: कोहरा, सर्दी और जहरीली हवा – क्रिसमस के दिन आज कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?राजधानी की कनेक्टिविटी को नई रफ्तार: दिल्ली मेट्रो के विस्तार पर मुहर, ₹12 हजार करोड़ से ज्यादा होंगे खर्च

बीयर स्टीयर्न्स का अधिग्रहण कर सकती है जेपी मॉर्गन

Last Updated- December 05, 2022 | 4:37 PM IST


वित्तीय संकट से जूझ रही अमेरिकी कंपनी बीयर स्टीयर्न्स पर अब जेपी मॉर्गन का कब्जा हो सकता है। बीयर सर््टन्स दुनिया के सबसे बड़े निवेश बैंकों और ब्रोकर फर्म में से एक है। जेपीमॉर्गन इस खस्ताहाल कंपनी को खरीदने का मन बना रही है।

शुक्रवार को बैंक की चरमराती स्थिति को देखते हुए फेडरल रिजर्व और जेपी मॉर्गन समूह ने आपातकालीन फंड की घोषणा की थी। बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलेन श्वार्ज जो पिछले हफ्ते तक इस बात से इनकार करते आए हैं कि बैंक की माली हालत सही नहीं है, ने आखिरकार शुक्रवार को यह स्वीकार कर ही लिया कि पिछले 24 घंटों में बैंक की वित्तीय स्थिति खराब हुई है।


 


इसे देखते हुए ही फेडरल रिजर्व ने जेपी मॉर्गन के जरिए बैंक को 28 दिनों तक वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। हालांकि इस घोषणा के बाद भी बैंक के ग्राहकों और शेयरधारकों में विश्वास नहीं लौट पाया और इस संकट को भांपते हुए शुक्रवार को बैंक के शेयरों में रिकार्ड 47 फीसदी की गिरावट देखी गई। अब इन हालात को देखते हुए जेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी डिमोन स्टीयर्न्स के अधिग्रहण पर विचार कर रहे हैं।


 


एक करीबी सूत्र के अनुसार जेपी मॉर्गन बीयर स्टीयर्न्स के प्रमुख ब्रोकरेज इकाई को खरीदने का भी मन बना रही है जो ऋण प्रदान करती है और हेज फंडों का कारोबार करती है। गौरतलब है कि 1923 में गठन के बाद से ही बीयर स्टीयर्न्स एक स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करती रही है।

स्टीयर्न्स के अधिकारी पहले यह कहते रहे हैं कि बैंक के वित्तीय हालात ठीक हैं और उनके पास तरलता की कोई कमी नहीं है। 11 मार्च को काफी समय से लगाई जा रही अटकलों को आखिरकार स्पष्ट करते हुए बैंक की ओर से यह बयान जारी किया गया कि उसके पास पूंजी का अभाव है।

First Published - March 17, 2008 | 5:51 PM IST

संबंधित पोस्ट